मार्च के पहले पखवाड़े के बाद से दिल्ली में बारिश नहीं हुई जिससे गर्मी में क्रमशः बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। राष्ट्रीय राजधानी में जहां मार्च में कई सप्ताह ऐसे बीते जिनके आखिरी दिनों में हुई बारिश ने तापमान पर लगाम लगाए रखी और मौसम सुहावना बना रहा। इसके उलट अप्रैल में मौसमी हालात कुछ अलग कहानी बयान कर रहे हैं।
इस समय देश के अधिकांश इलाकों की तरह दिल्ली में भी तापमान के ऊपर जाने की गति काफी अधिक दिखाई दे रही है। दिल्ली के पालम मौसम केंद्र ने 2 अप्रैल यानि शनिवार को 41.2 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया जो सामान्य से 7 डिग्री सेल्सियस अधिक है। शहर के रिज क्षेत्र में भी सामान्य से 5 डिग्री अधिक दिन का तापमान 40.9 डिग्री के आंकड़े तक पहुँच गया।
राष्ट्रीय राजधानी में भीषण गर्मी और लू से अगले 48 घंटों के दौरान कुछ राहत मिलने के आसार हैं। ग्रीष्म ऋतु के आगमन के बाद से दिल्ली में लू जैसे हालात बनने का यह पहला मौका है। हालांकि यह मौसम का बेहद असंतुलित स्वरूप है। क्योंकि इस समय जहां अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए वहाँ यह 40 डिग्री के स्तर को भी पार कर रहा है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 48 घंटों के बाद हालात कुछ बदलेंगे और तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखने को मिलेगी। 48 घंटों के पश्चात राजधानी दिल्ली और आसपास के शहरों में एक-दो स्थानों पर धूलभरी आँधी चलने और बादलों की गर्जना होने के साथ–साथ हल्की वर्षा होने की संभावना है।
दिल्ली और आसपास के भागों में होने वाली बारिश की इन गतिविधियों के पीछे जम्मू-कश्मीर को प्रभावित कर रहे वर्तमान पश्चिमी विक्षोभ और इसके प्रभाव से मध्य पाकिस्तान तथा उससे सटे हिस्सों पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र को जिम्मेदार माना जा रहा है।
यह सिस्टम धीरे-धीरे पूर्वी दिशा में आगे बढ़ेगा और संभावना है कि दिल्ली और आसपास के शहरों के साथ-साथ उत्तरी राजस्थान, हरियाणा सहित उत्तर भारत के शेष मैदानी भागों में भी कुछ जगहों पर बारिश देगा, जिससे तापमान में कमी आएगी और तेज़ गर्मी से कुछ राहत मिलेगी।
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