गर्म हवाओं, तेज़ धूप और सामान्य से ऊपर तापमान के चलते राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सामान्य जन-जीवन प्रभावित हुआ है। बीते कुछ दिनों से दिल्ली में रेकॉर्ड तापमान दर्ज किया जा रहा है। सोमवार को दिल्ली के सफदरजंग में पारा 45.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जो इस सीजन का सबसे अधिक है। पालम में भी सीजन का सबसे अधिक 46.4 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।
स्काइमेट के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में मई महीने का औसत तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस है, जो बीते 10 वर्षों में तीसरा सबसे अधिक है। इससे पहले दिल्ली में वर्ष 2010 और 2013 में 41.4 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ मई सबसे गर्म रहा।
इस बार मौसम की ये बेरुख़ी बारिश कम होने के कारण हुई है। स्काइमेट के अनुसार दिल्ली में मई में औसतन 22 मिलीमीटर बारिश होती है जबकि अब तक शहर में मात्र 3.1 मिमी वर्षा ही दर्ज की गई है। अप्रैल के आखिरी सप्ताह से ही राजधानी में बारिश की गतिविधियां कम होना शुरू हुई थीं। 10 मई तक उत्तर के पहाड़ों पर कोई भी पश्चिमी विक्षोभ नहीं आया जो कि भीषण गर्मी से कुछ राहत दे सकता था।
लेकिन 13 से 15 मई के बीच राजस्थान और इससे सटे हरियाणा पर बने एक चक्रवती हवाओं के क्षेत्र के चलते उत्तर भारत में गर्म और शुष्क पश्चिमी हवाएँ बदलकर पूर्वी हो गई थीं। जो तुलनात्मक रूप में कम गर्म होती हैं। इस बदले मौसमी तेवर से दिल्ली और आसपास के भागों में धूलभरी आँधी और गरज साथ हल्की बारिश की गतिविधियां 13 से 15 मई के दौरान हुई थीं।
तब से अब तक शहर में बारिश नहीं हुई और दिन के तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी होती रही। पाकिस्तान और राजस्थान में पारा 45 के ऊपर चल रहा है, जहां से आने वाली उत्तर पश्चिमी गर्म हवाओं के कारण दिल्ली सहित उत्तर भारत में लोगों को लू के थपेड़े सहने पड़ रहे हैं।
मई के शेष दिनों में भी दिल्ली इसी तरह से भीषण गर्म बनी रह सकती है। हालांकि 28 और 29 मई को उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में धूलभरी आँधी और मेघगर्जना के साथ हल्की बूँदाबाँदी के आसार हैं। दिल्ली में भी 28 और 29 मई को ये गतिविधियां हो सकती हैं। हालांकि ये मौसमी बदलाव इतना प्रभावी नहीं होगा कि इसका तापमान पर कोई विशेष असर पड़े।
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