उत्तर भारत के राज्यों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार पर उत्तर-पश्चिमी बर्फीली हवाओं की रफ्तार में कुछ कमी आने की संभावना है। हवाओं की गति कम होने के चलते इन भागों में जारी भीषण सर्दी से 17 जनवरी को लोगों को कुछ राहत मिल सकती है। हालांकि यह राहत तात्कालिक होगी। 24 घंटों के बाद यानी 18 जनवरी से फिर से स्थितियाँ सर्द हवाओं के अनुकूल होंगी।
18 जनवरी से पहाड़ों पर जमा बर्फ की ठंडक लेकर यह हवाएं फिर से तेज रफ्तार से चलना शुरू होंगी। शुरुआत में पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में तापमान गिरेगा उसके बाद उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश फिर से प्रभावित होंगे। कम से कम 21 जनवरी तक इसी तरह से उत्तर पश्चिमी बर्फीली आफत देश के अधिकांश राज्यों पर जारी रहने की संभावना है। उसके बाद उत्तर भारत के पहाड़ों पर मौसम में बदलाव होगा।
वर्तमान मौसमी स्थितियों के अनुसार 21 जनवरी की रात तक एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों पर अपना प्रभाव दिखाना शुरू करेगा। इसके चलते 22 से 25 जनवरी के बीच उत्तर भारत के पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानी इलाकों में कुछ स्थानों पर वर्षा होने की संभावना है। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में भी 22-23 जनवरी से मौसम करवट ले सकता है। न्यूनतम तापमान में वृद्धि हो सकती है और आंशिक बादल छा सकते हैं। मैदानी राज्यों में बारिश होगी या नहीं अभी इस बारे में स्पष्ट संकेत मौसमी मॉडलों की तरफ से नहीं मिल रहे हैं।
हालांकि बारिश का यह मौसम बदलने के बाद उत्तर पश्चिमी हवाएं फिर से समूचे उत्तर पश्चिम भारत और मध्य भारत तथा पूर्वी भारत के राज्यों को अपने शिकंजे में लेंगी। 26 जनवरी से तापमान फिर से गिरेगा। यह सभी मौसमी परिदृश्य संकेत कर रहे हैं कि जनवरी के आखिर में भी कड़ाके की सर्दी जारी रहने की संभावना है।
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