बीते कुछ दिनों से देश गर्मी से त्रस्त है। इसने अब तक 1100 से अधिक लोगों की जान ले ली है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के साथ साथ मध्य और पूर्वी भारत में सबसे अधिक गर्मी पड़ रही है। स्काइमेट के अनुसार मई देश में सबसे गर्म महीना है। इस दौरान बेहद कम मौसमी हलचल देखने को मिलती हैं, सिवाय स्थानीय तौर पर आँधी, मेघगर्जना और गरज के साथ वर्षा के। मई में आमतौर पर लंबे समय तक लू चलती रहती है और इस समय यही स्थिति बनी हुई है।
पिछले 10 दिनों से देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया जा रहा है, जिससे लू जैसी स्थितियाँ बनती हैं। पूरे महीने के सामान्य औसत तापमान से पारा जब 5 डिग्री ऊपर जाता है तब लू चलने जैसी स्थितियाँ बनती हैं।
उत्तर भारत में तापमान
इस समय कई जगह असहज करने वाला तापमान दर्ज किया जा रहा है। मंगलवार को हरियाणा के करनाल में दिन में सामान्य से 4 डिग्री अधिक 44 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। जबकि राष्ट्रीय राजधानी में पारा सामान्य से 5 डिग्री अधिक दर्ज किया गया जिससे दिन में लोगों ने जला देने वाली गर्मी महसूस की।
पूर्वी और मध्य भारत में तापमान
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बाद पूर्वी और मध्य भारत देश सबसे अधिक गर्म इलाके हैं। इन भागों में अधिकतर स्थानों पर गर्म हवाएँ चल रही हैं। झारखंड के डाल्टनगंज में मंगलवार को 46.8 डिग्री सेल्सियस तक पारा पहुंचा। ओड़ीशा के झारसुगुडा में 46°C , छत्तीसगढ़ के रायपुर में 46.1 तो महाराष्ट्र के नागपुर में 46.2°C अधिकतम तापमान रेकॉर्ड किया गया।
पश्चिमी भारत में तापमान
पश्चिमी भागों में भी पारा ऊपर भाग रहा है। राजस्थान के कोटा में मंगलवार को 45.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। राज्य की राजधानी जयपुर में भी 44.7 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ गर्मी ने अपना रौद्र रूप दिखाया। गुजरात के अहमदाबाद में 43.9°C तापमान के साथ मौसम गर्म बना रहा।
मौसम पूर्वानुमान
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इन सभी भागों में अगले 4-5 दिनों तक तापमान इसी स्तर पर बना रहेगा। हालांकि दिल्ली सहित उत्तर भारत के भागों में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान धूलभरी आँधी और गरज के साथ हल्की वर्षा होने की संभावना है। लेकिन इससे बड़ी राहत नहीं मिलने वाली क्योंकि मौसम में ये बदलाव बहुत मामूली होगा।
हालांकि देश के पश्चिमी और उत्तरी भागों, खासतौर पर गुजरात और राजस्थान में अगले 24 घंटों के दौरान तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट होने के आसार हैं। तापमान में इस गिरावट की वजह होंगी अरब सागर से आने वाली दक्षिण पश्चिमी हवाएँ।