मध्य भारत के कई इलाके फिर से तेज़ गर्मी के निशाने पर हैं। अनुमान है कि मध्य प्रदेश के अधिकांश भागों में जल्द ही लू का शिकंजा कसने वाला है। पिछले दिनों हुई बारिश के चलते मध्य प्रदेश के पूर्व से लेकर पश्चिम तक के जिलों में तापमान में भारी कमी आई थी। इसके अलावा उत्तर भारत के पहाड़ों से बर्फ की ठंडक लेकर राज्य में पहुंचने वाली उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाओं के प्रभाव से न्यूनतम तापमान भी गिरा था और एक बार फिर से मौसम में मनमोहक ठंडक लौट आई थी।
बारिश के पिछले दौर के बाद से राज्य में आसमान साफ और मौसम शुष्क बना हुआ है। इसके अलावा हवा बदलकर पश्चिमी हो गई है। पाकिस्तान से होकर आने वाली गर्म और शुष्क हवा गुजरात से राजस्थान के रास्ते मध्य प्रदेश पर पहुंचकर राज्य के तापमान को बढ़ा रही है। इस बदलाव से गर्मी अपना असर दिखाने लगी है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर एक विपरीत चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है जिससे मध्य भारत के लगभग सभी भागों में मौसम शुष्क हो गया है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले लगभग एक सप्ताह तक मध्य प्रदेश में अधिकांश जगहों पर बारिश की संभावना नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश और इसके आसपास के राज्यों पर कोई मौसमी हलचल विकसित होती दिखाई नहीं दे रही है। इसके अलावा पश्चिमी गर्म और शुष्क हवाएं चलती रहेंगी तथा दिन में शुष्क और साफ मौसम के बीच तेज धूप का भी प्रभाव दिन-ब-दिन बढ़ता जाएगा जिससे अगले लगभग एक सप्ताह तक पारा उत्तरोत्तर चढ़ेगा और गर्मी अपना प्रचंड रूप दिखाएगी।
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मार्च के आखिर तक मध्य प्रदेश में पूर्व में रीवा, छतरपुर, मध्य में भोपाल, जबलपुर से लेकर पश्चिम में इंदौर, गुना ग्वालियर तक तापमान में बढ़ोतरी होगी। इसमें पश्चिमी भागों में मार्च के आखिरी दिनों में तापमान सबसे तेज़ी से ऊपर जाएगा। जल्द ही राज्य में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुँच जाएगा। इंदौर, उज्जैन, मंदसौर और आसपास के भागों में जल्द ही लू का प्रकोप भी शुरू हो सकता है।
Image credit: Tourism info
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