बंगाल की खाड़ी से मॉनसून को अगस्त महीने की शुरुआत से ही अच्छा सपोर्ट मिल रहा है। इस महीने का चौथा मौसमी सिस्टम आगे बढ़ते हुए अब छत्तीसगढ़ और इससे सटे मध्य प्रदेश पर पहुँच गया है। यह गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया है। जल्द ही इसके डिप्रेशन बनने की भी संभावना है। साल 2020 के मॉनसून सीज़न में यह पहला डिप्रेशन होगा। इसकी विशेषता यह है कि यह जमीनी भागों पर प्रभावी होकर डिप्रेशन बनेगा। पश्चिमी दिशा में बढ़ते हुए ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बाद मध्य प्रदेश, गुजरात तथा राजस्थान को प्रभावित करेगा।
इन निम्न दबाव के प्रभाव से पहले ही पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ में भारी बारिश हुई है। कोंटई में 160 मिमी, कोरापुट में 128 मिमी, जगदलपुर में 118 मिमी, चाँदबाली में 89 मिमी, तितलागढ़ में 88 मिमी, बोलांगीर में 87 मिमी बारिश हो चुकी है। इन भागों में अभी भी बारिश हो रही है।
English Version: Monsoon 2020: Maiden depression of season likely-flooding rains over Madhya Pradesh & Gujarat
इस सिस्टम के आगे बढ़ने और प्रभावी होने के कारण मध्य प्रदेश में 21 और 22 अगस्त को मूसलाधार वर्षा होने की संभावना है। राजस्थान में 21 से 23 अगस्त के बीच दिखेगा इसका असर और दक्षिण-पूर्वी जिलों में भीषण वर्षा दर्ज की जाएगी। गुजरात में 22 और 23 अगस्त इस सिस्टम का प्रभाव दिखेगा और कई इलाकों में भीषण वर्षा दर्ज की जाएगी। इन सभी भागों में निरंतर बारिश के साथ तेज़ हवाएँ चलने और बिजली गिरने जैसी घटनाएँ भी देखने को मिल सकती हैं।
मध्य प्रदेश, गुजरात और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के कई इलाकों में लगातार होने वाली बारिश से सामान्य जन जीवन प्रभावित हो सकता है। जगह-जगह पेड़ और बिजली के खंबे गिर सकते हैं। इससे विद्युत आपूर्ति प्रभावित हो सकती है और यातायात पर असर पड़ सकता है। साथ ही संचार व्यवस्था के भी प्रभावित होने का खतरा है। निचले इलाके जलमग्न हो सकते हैं। नदियां और नाले उफान पर हो सकते हैं।
यह सिस्टम 24 अगस्त को गुजरात पार कर जाएगा। हालांकि जब यह सिस्टम गुजरात से आगे निकल रहा होगा उसी समय बंगाल की खाड़ी पर एक नया मौसमी सिस्टम उभर रहा होगा। 22 अगस्त को ही एक चक्रवाती सिस्टम बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों पर बन जाएगा, जो अगले 24 घंटों में यानि 23 अगस्त को निम्न दबाव में तब्दील हो जाएगा। हालांकि यह सिस्टम मध्य भारत से ज़्यादा पूर्वी भारत को प्रभावित करेगा और उम्मीद है कि उस दौरान बारिश पूर्वी भारत में अधिक होगी।
Image Credit: NDTV
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