राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तरी मध्य महाराष्ट्र के अधिकांश भागों में पूरे अप्रैल महीने में लू की स्थिति बनी रही। यहाँ तक कि कुछ इलाके भीषण लू की चपेट में भी रहे।
इसके बाद दो अलग-अलग मौसमी गतिविधियों के कारण यहां के अधिकांश जगहों का तापमान में गिरावट हुई और समूचे मध्य भारत में लू से बहुप्रतीक्षित राहत मिली।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मई की शुरुआत में अरब सागर से दक्षिण-पश्चिमी आर्द्र हवाएं प्रभावी हुई थीं जिसके कारण राजस्थान, गुजरात, मध्य महाराष्ट्र और पश्चिमी मध्य प्रदेश के तापमान में गिरावट आई थी। वहीं चक्रवाती तूफ़ान फानी के कारण बंगाल की खाड़ी से आ रही आर्द्र हवाओं ने विदर्भ और मराठवाड़ा में लोगों को राहत पहुंचाई।
स्काइमेट के अनुसार, वर्तमान में चक्रवाती तूफ़ान फानी के निष्प्रभावी होने के बाद फिर से हवाओं की दिशा बदली है। अब मध्य भारत के राज्यों पर उत्तर-पश्चिमी गर्म हवायें एक बार फिर से प्रभावी हो गई हैं। यह हवाएं पाकिस्तान और राजस्थान की ओर से आ रही हैं, जहां मौसम पहले से ही बेहद गर्म बना हुआ है। जिससे इन राज्यों में तापमान बढ़ने लगा है।
विदर्भ के अधिकांश इलाकों में लू वापसी कर चुकी है। इसके अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सहित गुजरात के बाकी हिस्सों में लगातार पारा चढ़ता जा रहा है। इन सभी स्थानों का तापमान 40 डिग्री के पार लेकिन सामान्य के आस-पास बना हुआ है।
इन गर्म और शुष्क हवाओं से राजस्थान के अधिकांश भागों सहित दक्षिणी मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र में जल्द ही लू जैसी स्थिति बनने की संभावना है। इसके अलावा दक्षिणी मध्य प्रदेश के एक-दो स्थानों पर भीषण लू जैसी स्थिति बनी हुई है।
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हालांकि मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, 10 और 11 मई से इन स्थानों पर प्री-मॉनसून वर्षा होने की संभावना है जिससे इन इलाकों में तापमान में भारी कमी आएगी और लू से बड़ी राहत मिलेगी।
Image Credit: Hindustan times
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