महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में स्थापित किए जाने वाले 2065 ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन के पहले ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन का डोंगरगाँव में उद्घाटन किया। यह परियोजना राज्य सरकार की सरकारी व निजी भागीदारी यानी पीपीपी मॉडल के तहत शुरू की गई है। महाराष्ट्र एग्रीकल्चर वेदर इन्फोर्मेशन नेटवर्क यानि महावेध परियोजना के तहत राज्य में कुल 2065 ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन लगाए जाने हैं।
राज्य सरकार की इस परियोजना में भारत की निजी क्षेत्र की प्रमुख मौसम पूर्वानुमान और कृषि जोखिम समाधान कंपनी स्काइमेट वेदर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड भागीदार है। इस परियोजना में 2065 ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन राज्य के विभिन्न भागों में लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस अवसर पर उपस्थित सभा में उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि इनमें से 1000 एडबल्यूएस जून 2017 तक लगा लिए जाएंगे।
ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन से किसानों को तत्काल आधार पर मौसम से जुड़े आंकड़े उपलब्ध हो पाएंगे, जिससे किसान फसलों की बुआई, सिंचाई और फसलों से जुड़े अन्य प्रबंधन के बारे में समयबद्ध ढंग से निर्णय कर सकेंगे। जिसका लाभ समय और पैसे की बचत के रूप में हो सकता है। राज्य की प्रत्येक तालुका में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन लगाए जाएंगे जो हर आधे घंटे का आंकड़ा उपलब्ध करा सकते हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस अवसर पर कहा कि मौसम से जुड़ी सूचनाएं और कृषि के संबंध में उपयोगी परामर्श उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक तंत्र की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन की मदद से हवा की गति, हवा की दिशा, वर्तमान समय का तापमान, आर्द्रता और क्षेत्र विशेष में रिकॉर्ड की गई बारिश का वास्तविक आंकड़ा उपलब्ध हो सकेगा।
मौसम की सूचनाएँ महावेध वेबसाइट तथा स्काइमेट द्वारा तैयार किए गए मोबाइल एप्लीकेशन पर उपलब्ध रहेंगी। किसान अपने क्षेत्र के ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन से ताज़ा आंकड़ों के आधार पर फसलों का प्रबंधन कर सकते हैं। इस योजना के पहले चरण में सूचनाओं को एसएमएस के माध्यम से साझा किया जाएगा और दूसरे चरण में सभी ग्राम पंचायतों को प्रत्येक आधे घंटे के अंतर पर आंकड़े मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि भारतीय मौसम विभाग यानी आईएमडी देश के मौसम पूर्वानुमान को 4 जोनों के आधार पर उपलब्ध कराती है जो क्षेत्र विशेष के मौसम गतिविधियों के लिहाज से पर्याप्त नहीं है। ऐसे में यह ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन किसानों के लिए बेहद मददगार साबित।
ग्राम पंचायतों में स्थापित किए जाने वाले डिजिटल सूचना केंद्र से मौसम से जुड़ी सूचनाओं के साथ-साथ कृषि के बारे में किसानों को दी जाने वाली सूचनाएँ खेती के काम में बेहद मददगार हो सकती हैं। इस अवसर पर महाराष्ट्र सरकार के कृषिमंत्री पांडुरंग फणकर, गार्जियन मंत्री चन्द्रशेखर बावनकुले और स्काइमेट वेदर सर्विसेस के अधिकारीगण उपस्थित थे।
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