चक्रवात महा अब एक भीषण चक्रवाती तूफान बन गया है। 1 नवंबर को 5:30 बजे, यानी आज सुबह, यह अक्षांश 14.6 उत्तरी और 17.7 पूर्वी में स्थित था जिसकी उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने की संभावना है और आज शाम तक एक बहुत गंभीर चक्रवात में तेज हो सकता है। पहले यह पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में घूम रहा था।
बता दें कि यह चेरियापानी पोर्ट के उत्तर में 300 किमी, अमिनी देवी के उत्तर-पश्चिम में 400 किमी और मंगलौर से 390 किमी पश्चिम-उत्तर-पश्चिम में स्थित है।
अनुमान है की चक्रवात धीरे-धीरे तट से दूर जा रहा है, जिससे की तमिलनाडु में बारिश का खतरा काफी कम हो गया है। तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में अगले 24 घंटों में केवल हल्की बारिश की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि, कर्नाटक तट पर आज मध्यम स्तर पर बारिश की उम्मीद है। इसके बाद, बारिश की गतिविधियाँ पूरे दक्षिण प्रायद्वीप में कम हो जाएंगी।
यह भीषण चक्रवाती तूफान फिर उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा। यह तूफान लक्षद्वीप द्वीप समूह को तेज हवाओं और ऊंची लहरों के साथ प्रभावित कर सकता है। द्वीपों के लिए अगले 24 घंटों के लिए एहतियाती कदम बरकरार हैं।
चक्रवात के उत्तर पश्चिमी दिशा में बढ्ने के बावजूद भी केरल, कर्नाटक तट के साथ-साथ दक्षिण महाराष्ट्र तट पर बहुत खराब समुद्र की स्थिति बने रहने का अनुमान है। अब, धीरे-धीरे महाराष्ट्र और गुजरात तट पर भी हवा की गति बढ़ जाएगी।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पूरे पश्चिम तट के लिए 3 नवंबर तक एहतियाती उपाय किए जाने चाहिए। मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे कम से कम 3 नवंबर तक समुद्र में न जाएं।
अगले 24 घंटों में इस चक्रवात को देखते हुए दक्षिण मध्य महाराष्ट्र, दक्षिण कोंकण और गोवा के साथ-साथ तटीय कर्नाटक में कुछ-कुछ स्थानों पर भारी बारिश के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद करते हैं। इसके पश्चात, बारिश की गतिविधियां कम हो जाएंगी। इस चक्रवात के कारण गुजरात में एक या दो मध्यम वर्षा के साथ कई-कई जगहों पर हल्की बारिश होने की उम्मीद है।
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3 नवंबर के बाद, मौसम प्रणाली दूर चली जाएगी। जिससे समुद्र की स्थिति में सुधार होने लगेगा और हवा की गति भी कम होने लगेगी।
Image Credit: DNA INDIA
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