मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में जनवरी के दौरान शीत लहर की स्थिति बहुत ही सामान्य है। एक तरफ, जहां मध्य प्रदेश सर्दियों के दौरान कम से कम न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड करने में उत्कृष्टता हासिल करता है, वहीं दूसरी ओर यह सर्दियों की बारिश के मामले में खराब प्रदर्शन करता है। वास्तव में, बारिश केवल राज्य के उत्तरी और उत्तर-पूर्वी हिस्सों तक ही सीमित रहती है और वह भी केवल तभी जब कोई सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी मैदानों पर हवाओं का चक्रवात या ट्रफ़ को प्रेरित करता है जो की सिर्फ छिटपुट बारिश देता है। अन्यथा, मध्य प्रदेश में सर्दियों के दौरान बारिश की बहुत कम उम्मीद हटी हैं।
इसके अलावा, किसी भी महत्वपूर्ण मौसम प्रणाली के अभाव में, मध्य प्रदेश राज्य को पिछले कुछ समय से शुष्क मौसम का सामना करना पड़ रहा है। किसी भी बारिश के अभाव में, पूरे राज्य के लिए 16 जनवरी तक बारिश में सामान्य से 98% कम बारिश दर्ज की गयी।
हालांकि, राज्य सर्दियों के मामले में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। 1 जनवरी से राज्य के कई हिस्सों में शीत लहर की स्थिति बनी हुई है। हालांकि अब न्यूनतम तापमान कुछ हद तक बढ़ गए हैं और इसके परिणामस्वरूप शीत लहर की स्थिति ने राज्य के अधिकांश हिस्सों से अलविदा कर दिया है। लेकिन जबलपुर संग पूर्वी मध्य प्रदेश की पृथक हिस्सों में अभी भी शीत लहर की गिरफ्त में है।
इसके अलावा, हम अगले 24 घंटों के लिए न्यूनतम तापमान में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं करते हैं और ये अधिकांश स्थानों पर सामान्य से नीचे बने रहेंगे। इसके बाद, न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि होगी और पारा 2 ℃ से 3 ℃ तक बढ़ेगा।
यह वृद्धि 22 जनवरी के आसपास होने की उम्मीद है और साथ ही शीत लहर की स्थिति पूरे राज्य में समाप्त हो जाएगी। इस बदलाव का कारण है हवाओं की दिशा में बदलाव जो की ठंडी ओर शुष्क उत्तर / उत्तर-पश्चिमी हवाएँ बदलकर नम और गरम दक्षिण/ दक्षिणपूरवी हो जाएंगी।
इसके अलावा, 20 जनवरी तक, सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की एक श्रृंखला जम्मू और कश्मीर पे देखी जाएगी। जैसा कि हम पहले से कहते आ रहें हैं, उत्तर भारत का मौसम मध्य प्रदेश सहित पूरे देश के मौसम को नियंत्रित करता है। इसका असर तापमान में वृद्धि के साथ-साथ 21 और 24 जनवरी के आसपास राज्य के उत्तरी और पूर्वोत्तर हिस्सों में हल्की बारिश के रूप में दिखेगा।
हालांकि, इन बारिशों की तीव्रता बहुत हल्की होगी, इसलिए ये बारिश बारिश की कमी को पूरा करने में असमर्थ रहेगा। ग्वालियर, भिंड, दतिया, मुरैना, सतना और रीवा जैसे स्थानों पर आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। हालांकि, दक्षिणी और मध्य जिले में इन मौसम प्रणाली का कोई असर नहीं होगा और ये क्षेत्र पूरी तरह से सूखे रहेंगे।
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