मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में बीते लंबे समय से मौसम शुष्क बना हुआ था। जिसके चलते इस समय कई इलाकों में पारा सामान्य से ऊपर है और सर्दी समय से पहले ही विदा ले चुकी लगती है। हालांकि लंबी प्रतीक्षा के बाद मौसमी परिदृश्य बदलता हुआ दिखाई दे रहा है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस समय मध्य भारत पर दोनों ओर स्थित समुद्री आर्द्र हवाएँ पहुँच रही हैं। इन हवाओं के तापमान में थोड़ा अंतर है। बंगाल की खाड़ी से चलने वाली हवा का तापमान अरब सागर से आने वाली हवाओं के मुक़ाबले कम है। हालांकि दोनों में नमी पर्याप्त मात्रा में है।
तापमान में असमानता के चलते दोनों हवाओं के मध्य भारत पर आपस में मिलने से एक ट्रफ रेखा विकसित हो रही है। यह ट्रफ मध्य प्रदेश के पूर्वी और मध्य जिलों, उत्तरी मध्य प्रदेश से सटे उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों और छत्तीसगढ़ को प्रभावित करेगी। इसके चलते इन भागों में कल यानि 11 फरवरी से बादलों का प्रभाव दिखेगा। शनिवार की देर शाम से मध्य प्रदेश के मध्य जिलों में कुछ स्थानों पर गरज के साथ बौछारें शुरू हो सकती हैं।
बारिश का प्रसार धीरे-धीरे मध्य प्रदेश के पूर्वी जिलों, इससे सटे उत्तर प्रदेश के दक्षिणी सीमावर्ती जिलों तथा उत्तरी छत्तीसगढ़ में भी देखा जाएगा। इन राज्यों में 11 फरवरी की रात से 13 फरवरी के दौरान कुछ स्थानों पर गरज के साथ बौछारें दर्ज की जाएंगी साथ ही कहीं-कहीं ओले पड़ने की भी संभावना है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस दौरान बारिश वाले इलाकों में दिन के तापमान में गिरावट आएगी जबकि मध्य भारत के अन्य हिस्सों में तापमान में बढ़ोत्तरी होगी क्योंकि यहाँ पहुँचने वाली पूर्वी और पश्चिमी दोनों हवाएँ आमतौर पर गर्म हैं।
Image credit: Hindustan Times
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।