मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मॉनसून का अब तक सामान्य से बेहतर प्रदर्शन ही देखने को मिला है। हालांकि दोनों राज्यों में कुछ जिले इन ऐसे हैं जहां बारिश में कमी रही है। मॉनसून के आगमन के बाद से यानी देश में जब से मॉनसून सीजन शुरू होने से लेकर 1 जुलाई तक मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में सामान्य से 48% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। जबकि मध्य प्रदेश के पश्चिमी भागों में सामान्य से 77% ज्यादा बारिश हुई है। इसी तरह छत्तीसगढ़ में भी बारिश सामान्य से 40% अधिक रही है। लेकिन कई जिले अभी भी बारिश में कमी से जूझ रहे हैं।
जल्द मॉनसून होगा सक्रिय
मध्य भारत के इन दोनों राज्यों में फिर से अच्छी मॉनसून वर्षा के लिए स्थितियाँ अनुकूल बन रही हैं। इस समय मॉनसून की अक्षीय रेखा राजस्थान के बीकानेर और अजमेर से मध्य प्रदेश के गुना और सतना होते हुए झारखंड में डाल्टनगंज और पश्चिम बंगाल में मालदा तक बनी हुई है। साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम से पूर्वी मध्य प्रदेश होते हुए विदर्भ तक एक ट्रफ बनी है।
इन सभी मौसमी सिस्टमों के चलते हम उम्मीद कर रहे हैं कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में धीरे-धीरे बारिश की गतिविधियों में वृद्धि होने की संभावना है। अगले 24 घंटों के दौरान बारिश मुख्यतः दक्षिणी छत्तीसगढ़ और पश्चिमी मध्य प्रदेश में ज्यादा होगी। जबकि इस दौरान उत्तरी छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में अपेक्षाकृत बारिश में कमी रहेगी।
3 से 7 जुलाई के बीच भारी बारिश
24 घंटों के बाद बारिश का दायरा और बारिश की तीव्रता में बढ़ोत्तरी शुरू होगी और उम्मीद है कि दोनों राज्यों में कई जिलों में मध्यम से भारी वर्षा 3 जुलाई से देखने को मिलेगी। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 3 से 7 जुलाई के बीच समूचे मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लगभग सभी जिलों में बारिश की गतिविधियां लगातार जारी रहेंगी। मॉनसून सक्रिय बना रहेगा जिससे अधिकांश स्थानों पर इस दौरान हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी बारिश देखने को मिल सकती है।
दोनों राज्यों में किसान बारिश के एक समान वितरण न होने के चलते अब तक परेशान रहे हैं। अब बारिश का वितरण सुधरेगा और बारिश की तीव्रता भी बढ़ेगी इससे किसानों को काफी फायदा पहुंचेगा और खरीफ फसलों की बुआई रफ्तार पकड़ेगी।
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