उत्तर प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में लंबे समय से मौसम शुष्क बना हुआ है। इस बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश होने की संभावना दिखाई दे रही है। लखनऊ सहित राज्य के मध्य भागों तक बारिश की गतिविधियां संभावित हैं जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फिलहाल किसी मौसमी बदलाव के संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार ओड़ीशा पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम के प्रभाव से पूर्वी उत्तर प्रदेश तक आर्द्र दक्षिण-पूर्वी हवाएँ चल रही हैं। इसके चलते 5 और 6 अक्टूबर को वाराणसी, मिर्ज़ापुर तथा गोरखपुर सहित पूर्वी भागों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। हालांकि ओड़ीशा पर बना सिस्टम कमजोर होगा और 7 से 9 अक्टूबर के बीच मौसम फिर से शुष्क हो जाएगा।
इस बीच थोड़े समय के अंतराल पर ओड़ीशा पर एक नया चक्रवाती सिस्टम विकसित हो सकता है। यह सिस्टम धीरे-धीरे प्रभावी होगा और पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ते हुए छत्तीसगढ़ तक पहुंचेगा। इसके अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों से मध्य प्रदेश तक 10 अक्टूबर के आसपास एक ट्रफ रेखा विकसित होगी। इन मौसमी सिस्टमों के प्रभाव से उत्तर प्रदेश के पूर्वी और मध्य भागों में 10 से 12 अक्टूबर के बीच कई जगहों पर भारी वर्षा होने की संभावना है।
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वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर, कानपुर, चित्रकूट, बांदा, लखनऊ, फ़ैज़ाबाद, अमेठी, रायबरेली, प्रतापगढ़, जौनपुर आजमगढ़, बहराइच, गोंडा, बस्ती, देवरिया, बलिया सुल्तानपुर, सहित उत्तर प्रदेश के पूर्वी और मध्य हिस्सों में 10 से 12 अक्टूबर के बीच अच्छी वर्षा होने के आसार हैं। इन भागों में इस दौरान कुछ स्थानों पर भारी बारिश भी हो सकती है। उत्तर प्रदेश में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
मॉनसून सीज़न में बारिश की कमी से परेशान उत्तर प्रदेश में परिपक्व हो रही धान सहित खरीफ फसल को संभावित बारिश से काफी फायदा पहुंचेगा। किसानों के लिए यह बारिश बड़ी राहत हो सकती है। हालांकि यह राहत पूर्वी और मध्य भागों तक ही सीमित रहेगी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क ही बना रहेगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आंशिक बादल और तापमान में गिरावट से ही संतोष करना पड़ेगा।
Image credit: Patrika News
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