बंगाल की खाड़ी से उठा निम्न दबाव का क्षेत्र मध्य प्रदेश के उत्तर-पूर्वी भागों और इससे सटे इलाकों पर पहुँच गया है। इस सिस्टम को 7.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर हवाओं में बने चक्रवाती सिस्टम का भी साथ मिल रहा है। इन दोनों सिस्टमों के संयुक्त प्रभाव के कारण ना सिर्फ बंगाल की खाड़ी से बल्कि अरब सागर से भी आर्द्रता व्यापक मात्र में मध्य भारत के भागों और पूर्वी भारत के कुछ इलाकों में पहुँच रही है।
उम्मीद है कि मध्य प्रदेश और आसपास के इलाकों में रुक-रुक कर मध्यम से भारी मॉनसून वर्षा देखने को मिलेगी। अनुमान है कि यह सिस्टम अगले तीन-चार दिनों तक सक्रिय रहेंगे जिससे मॉनसून भी प्रभावी बना रहेगा। निम्न दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी पर विकसित हुआ था। यह काफी धीमी गति से आगे बढ़ रहा है और अब तक यह मध्य प्रदेश के पूर्वी भागों पर पहुंचा है। यह लंबे समय तक इसी क्षेत्र के आसपास रहेगा।
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इसी निम्न दबाव के प्रभाव से पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के भागों में भी नमी वाली हवाएँ बढ़ी हैं जिससे इन क्षेत्रों में भी कुछ स्थानों पर मॉनसून वर्षा शुरू हुई है। खासकर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश पर भी कई दिनों के बाद मौसम ने करवट बदली है।
अगले कुछ दिनों के दौरान यह मध्य प्रदेश को व्यापक रूप में प्रभावित करेगा। जबकि इसका झुकाव जैसे ही उत्तर की तरफ होगा, पूर्वी भारत में बिहार और उत्तर प्रदेश सहित अन्य भागों में बारिश होगी और जब दक्षिण की तरफ झुकेगा तब तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और विदर्भ में बारिश बढ़ेगी। हालांकि इन क्षेत्रों में बारिश की तीव्रता हल्की से मध्यम ही होगी। भीषण बारिश के आसार नहीं हैं।
English Version: SLOW-MOVING LOW-PRESSURE AREA CONTINUES TO KEEP MONSOON ACTIVE OVER MADHYA PRADESH
यह सिस्टम अगले पाँच-छः दिनों तक प्रभावी रहेगा। यही कारण है कि इसके दायरे में आने वाले इलाकों में रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी। बारिश की तीव्रता अलग-अलग होगी।
चूंकि निम्न दबाव का क्षेत्र मध्य प्रदेश के सबसे करीब है और मॉनसून ट्रफ भी मध्य प्रदेश से ही होकर गुज़र रही है इसलिए मध्य प्रदेश में ही सबसे अधिक बारिश देखने को मिलेगी। राज्य में पहले से अच्छी बारिश हो रही है। भारी बारिश के कारण मध्य प्रदेश के 11 जिलों में सभी सरकारी और निजी स्कूलों में सोमवार को छुट्टी घोषित की गई है।
Image credit: Business Line
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