अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह के साथ-साथ बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में मॉनसून पहुँच चुका है। इसके सामान्य गति से आगे बढ़ने की संभावना है। इस बीच खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो गया है। यह सिस्टम आने वाले समय में और प्रभावी हो सकता है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 24 से 48 घंटों के दौरान यह चक्रवाती सिस्टम सशक्त होते हुए निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार खाड़ी में वर्तमान मौसमी परिदृश्य संकेत कर रहे हैं कि अगले 48 घंटों के बाद भी इसके प्रभावी होने की प्रक्रिया जारी रहेगी। निम्न दबाव बनने के बाद अगर यह सशक्त होता रहा तो 48 घंटों के बाद गहरे निम्न दबाव का रूप ले सकता है। इसके डिप्रेशन बनने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि यह डिप्रेशन या उससे भी अधिक प्रभावी सिस्टम बनेगा या नहीं इस पर अभी हमें नज़र रखनी होगी।
यह सिस्टम आने वाले समय में और सशक्त होते हुए ओड़ीशा तथा आंध्र प्रदेश के तटों की ओर बढ़ेगा। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 27 मई तक यह सिस्टम भारत के पूर्वी तटीय हिस्सों के करीब पहुँच सकता है जिससे ओड़ीशा और आंध्र प्रदेश के तटीय भागों में 27 मई से बारिश में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। बंगाल की खाड़ी में विकसित हुए इस चक्रवाती सिस्टम से जुड़े अपडेट स्काइमेट की वेबसाइट पर प्रकाशित होते रहेंगे।
इस बीच दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के भारत के मुख्य भू-भाग यानि केरल में आगमन को लेकर स्काइमेट आशावान है। स्काइमेट के पूर्वानुमानों के अनुसार केरल में मॉनसून का आगमन 29 मई के आसपास हो सकता है। आगमन की समय सीमा में 3 दिन का एरर मार्जिन बताया गया है।
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