बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तर पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ते हुए बीती रात गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बना और आज सुबह और सशक्त होते हुए डिप्रेशन में तब्दील हो गया है। इसके चलते ओड़ीशा और आसपास के भागों में पहले से ही भीषण बारिश हो रही है। पूर्वी और मध्य भारत के ज्यादातर भागों में बादलों का प्रभाव बढ़ गया है और कई जगहों पर गर्जना के साथ बिजली गिरने की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। मौसम का यह मिजाज़ अगले कुछ दिनों तक बना रहेगा।
डिप्रेशन क्रमशः उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा। साथ ही इसके प्रभाव से मॉनसून की अक्षीय रेखा का पूर्वी सिरा दक्षिण में ओड़ीशा के पास आ गया है। इन सबके बीच समूचे ओडिशा में अगले 24 घंटों के दौरान भीषण बारिश जारी रहने की संभावना है जिससे राज्य के कई जिले बाढ़ और जलभराव की चपेट में आ सकते हैं।
पारादीप में पिछले 24 घंटों में 412 मिलीमीटर में भीषण बारिश ने तबाही मचाई है। इसके अलावा चांदबाली में 193 मिलीमीटर, कटक में 105 मिलीमीटर और भुवनेश्वर में 98 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। इसी तरह राज्य के बाकी जिलों में भी मध्यम से भारी बारिश हुई है बारिश का सिलसिला समूचे राज्य में 24 घंटों तक बना रहेगा। इसमें 24 घंटे के बाद कुछ कमी आएगी लेकिन मध्यम से भारी वर्षा जारी रह सकती है। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार डिप्रेशन के प्रभाव से ओड़िशा के अलावा सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाले राज्य होंगे छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश। हालांकि झारखंड, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के भागों में बारिश बढ़ेगी। फिलहाल अगले 24 से 48 घंटों के दौरान यानी 8 सितंबर तक छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश के भागों में भीषण वर्षा हो सकती है। पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी अगले 24 घंटो के बाद मौसम बदलेगा और धीरे-धीरे बारिश जोर पकड़ेगी।
हालांकि इस सिस्टम की रफ्तार और क्षमता को देखते हुए मौसम विशेषज्ञों का आंकलन है कि यह 2 से 3 दिनों में ही कमजोर हो जाएगा और धीरे-धीरे निष्प्रभावी हो जाएगा। उससे पहले इसके प्रभाव से महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र और पूर्वी राजस्थान के कई शहरों में भी अच्छी वर्षा देखने को मिल सकती है। दूसरी ओर पश्चिम बंगाल और झारखंड में पहले से तेज बारिश हो रही है लेकिन इसके पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने के बावजूद इन दोनों राज्यों में आगामी 24 से 48 घंटे तक वर्षा जारी रह सकती है।
बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के शहरों में भी अधिकतर स्थानों पर वर्षा देखने को मिल सकती है। माना जा रहा था कि सितंबर के पहले सप्ताह से ही पश्चिमी राजस्थान से मॉनसून की वापसी शुरू हो जाएगी लेकिन इस सिस्टम के प्रभाव से मॉनसून के वापस होने की तैयारी में विराम लग सकता है। यही नहीं लंबे समय से सूखे मौसम का सामना कर रहे जैसलमेर, बाड़मेर, गंगानगर और हनुमानगढ़ जैसे पश्चिमी राजस्थान में भी 8 और 9 सितंबर को हल्की फुहारें मिल सकती हैं जो फसलों के साथ-साथ लोगों के लिए राहत से कम नहीं होंगी।
Image credit: OneIndia
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