बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। अगले 24 से 48 घंटों के दौरान यह और सशक्त होकर गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र बन सकता है।
सशक्त होते इस मौसमी हलचल से अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह के भागों में अधिकांश जगहों पर गरज और हवाओं के साथ बारिश होने की संभावना है। यह धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा, जिससे तटीय आंध्र प्रदेश के भागों में बारिश की गतिविधियों में 1 अक्तूबर से बढ़ोत्तरी होने के आसार हैं।
अगले दिन यानि 2 अक्तूबर को बारिश के प्रसार और इसकी तीव्रता दोनों में वृद्धि होगी। 2 अक्तूबर को तटीय आंध्र प्रदेश के सभी भागों, रायलसीमा के अधिकांश क्षेत्रों, तेलंगाना के कुछ हिस्सों और उत्तरी तमिलनाडु में बारिश दर्ज की जा सकती है। यह मौसमी सिस्टम 3 अक्तूबर को आंध्र प्रदेश के तटों के पास पहुँच जाएगा तथा और प्रभावी होते हुए गहरे निम्न दबाव का रूप ले लेगा।
इसके जमीनी भागों के और करीब पहुँचने के कारण आंध्र प्रदेश के कई इलाकों, तेलंगाना, विदर्भ, ओड़ीशा और छत्तीसगढ़ में भी 3 और 4 अक्तूबर को बारिश होने के आसार हैं। इन भागों में कई जगहों पर बादलों की गर्जना और तेज़ हवाओं के साथ वर्षा दर्ज की जाएगी। कुछ स्थानों पर भारी वर्षा भी हो सकती है। 5 अक्तूबर से यह सिस्टम कमजोर और निष्प्रभावी होने लगेगा लेकिन इन भागों में बारिश जारी रहेगी।
इसके प्रभाव से 6 अक्तूबर के आसपास पूर्वी मध्य प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी कुछ स्थानों पर बारिश दर्ज किए जाने का अनुमान है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि मॉनसून 2015 का यह आखिरी मौसमी सिस्टम होगा।
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