बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हुआ है। इसके प्रभाव से पूर्वी और मध्य भारत में बारिश पहले से ही शुरू हो गई है। देश के पूर्वी राज्यों और मध्य भागों में बारिश और बढ़ेगी तथा अगले दो-तीन दिनों के दौरान कई जगहों पर भारी वर्षा होने की संभावना है। ओड़ीशा और पश्चिम बंगाल के तटों के पास समुद्र में हलचल भी काफी अधिक होगी जिसके चलते अगले दो-तीन दिनों के लिए समुद्र में जारी किसी भी गतिविधि को रोकने के लिए चेतावनी जारी की गई है।
ओड़ीशा में पहले से ही बारिश तेज हो गई है अगले 24 से 48 घंटों के दौरान उत्तरी ओडिशा में भीषण बारिश होगी जिससे भुवनेश्वर, भद्रक, कटक, मयूरभंज और संबलपुर जैसे जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसी तरह इस दौरान पश्चिम बंगाल के दक्षिणी तटीय जिलों में भी मूसलाधार वर्षा से बाढ़ जैसी स्थिति बनने की आशंका है। झारखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में बारिश धीरे-धीरे बढ़ेगी और अगले 24 घंटों के बाद इन भागों में तेज वर्षा होने की संभावना है।
झारखंड में पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम, जमशेदपुर, सिमडेगा और बोकारो में भारी वर्षा हो सकती है। इसी तरह छत्तीसगढ़ के कोरबा, सरगुजा, जाशपुर, बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग में भी मूसलाधार वर्षा होने की संभावना है। पूर्वी मध्य प्रदेश में जबलपुर, उमरिया, कटनी, सिवनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, सीधी और सिंगरौली में भी भारी वर्षा हो सकती है। महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र और इससे सटे तेलंगाना में भी भारी वर्षा होने की संभावना है।
निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तर और उत्तर पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा जिसके कारण बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। इन राज्यों में भी अगले दो-तीन दिनों के दौरान भारी बरसात हो सकती है। अगले 48 घंटों के बाद निम्न दबाव के प्रभाव से मध्य प्रदेश के पश्चिमी भागों और पूर्वी राजस्थान के शहरों में भी कई जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।
यानी अगले 48 से 72 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के विदर्भ और तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश के उत्तरी भागों में काफी अच्छी मॉनसून वर्षा दर्ज किए जाने की संभावना है। इस बारिश के चलते देश में कुल मॉनसून वर्षा के आंकड़ों में सुधार होगा। 1 जून से 13 अगस्त तक सामान्य से 10 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
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