राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इससे सटे शहरों में बारिश का एक नया अध्याय शुरू होने वाला है। आमतौर पर सर्दियों में जिस तरह से पहाड़ों पर रुक-रुक कर बर्फबारी होती है वैसे ही दिल्ली-एनसीआर में भी कई बार बारिश का दौर देखने को मिलता है। लेकिन बार की सर्दी में राजधानी में बारिश काफी कम हुई है। यही कारण है कि दिल्ली के लोगों को कोहरा ज़्यादातर समय देखने को नहीं मिला और दिन के समय सर्दी ने भी भीषण रूप नहीं पकड़ा।
इस बीच इस समय उत्तर भारत के पहाड़ों पर एक पश्चिमी विक्षोभ आ गया है। इसका असर दिल्ली सहित मैदानी इलाकों पर भी देखने को मिलेगा। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र राजस्थान पर बन गया है। यह सिस्टम धीरे-धीरे उत्तर-पूर्वी दिशा में बढ़ेगा। इसके चलते सोमवार की सुबह से ही दिल्ली के आसमान पर बादल छाए हुए हैं। बादल धीरे-धीरे और घने होंगे। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार सोमवार की शाम या रात से बारिश की गतिविधियां शुरू हो सकती हैं।
अनुमान है कि आज से शुरू होने वाला बारिश का नया एपिसोड रुक-रुक कर अगले 4-5 दिनों तक जारी रहेगा। इस दौरान दिल्ली के अलावा, नोएडा, गाज़ियाबाद, फ़रीदाबाद और गुरुग्राम में भी बादलों की गर्जना के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी देखने को मिल सकती है। बारिश के चलते अगले 3-4 दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में भारी गिरावट आएगी जिससे दिन में ठंडक बढ़ने की उम्मीद है।
इससे पहले रविवार, 20 जनवरी को हवा में बदलाव के कारण दिल्ली के अधिकतम तापमान में भारी वृद्धि हुई। कल का अधिकतम तापमान 28.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो ना सिर्फ औसत से 7 डिग्री अधिक है बल्कि पिछले 10 सालों में जनवरी में सबसे अधिक तापमान का रिकॉर्ड भी है। इस बीच बारिश के कारण दिल्ली के प्रदूषण में भी कमी आने की संभावना है। कल से वायु गुणवत्ता काफी बेहतर हो जाएगी।
Image credit: Pro Kerala
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