उत्तर भारत के राज्यों में लंबे समय से जारी सूखे मौसम में अब ब्रेक लगने वाली है, क्योंकि एक प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ कैस्पियन सागर से उठने के बाद ईरान और अफगानिस्तान को पार करते हुए उत्तरी पाकिस्तान के करीब पहुंचने वाला है। उम्मीद है कि यह सिस्टम 12 नवंबर को जम्मू कश्मीर के पास आ जाएगा और 12 नवंबर से 16 नवंबर के बीच उत्तर भारत के पहाड़ों को प्रभावित करेगा। मैदानी इलाकों में 15 और 16 नवंबर को वर्षा होने की संभावना है।
पश्चिमी विक्षोभ के कारण 12 नवंबर से जम्मू कश्मीर, गिलगित बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में निचले इलाकों में बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी शुरू होगी। इन भागों के साथ-साथ 13 और 14 नवंबर को बाकी पर्वतीय राज्य भी प्रभावित होंगे जब लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड समेत अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम तथा कुछ जगहों पर भारी वर्षा और हिमपात की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।
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गुलमर्ग, कुलगाम, श्रीनगर, लाहौल-स्पीति, धर्मशाला, चंबा, उना समेत उत्तर भारत के तमाम पर्वतीय शहरों में बर्फबारी की गतिविधियां हो सकती हैं। इसमें कई पर्यटन स्थलों पर भी हिमपात होने की संभावना है। भारी वर्षा और हिमपात की आशंका के मद्देनजर इस बात की भी संभावना है कि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग और मुगल रोड समेत ऊंचाई वाले स्थानों पर अन्य सड़क संपर्क भी प्रभावित हो सकता है। यातायात में व्यवधान पड़ सकता है। कुछ जगहों पर हिमस्खलन और भूस्खलन की घटनाएं भी होने की आशंका है।
मैदानी इलाकों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मौसम पर भी यह पश्चिमी विक्षोभ प्रभाव डालने जा रहा है। उम्मीद है कि इसके चलते 13 या 14 नवंबर को एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र हरियाणा और पंजाब के ऊपर विकसित होगा, जिससे मैदानी राज्यों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर 15-16 नवंबर को गरज के साथ वर्षा की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।
पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, कपूरथला, जालंधर, होशियारपुर, नवाशहर, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, अंबाला, पंचकूला, चंडीगढ़, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद भी प्रभावित हो सकते हैं। हरियाणा और पंजाब के दक्षिणी जिलों तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दक्षिणी जिलों में अपेक्षाकृत ज्यादा प्रभाव इस सिस्टम का नहीं होगा।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इससे सटे शहरों गाजियाबाद, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद में 15 और 16 नवंबर को कुछ स्थानों पर हल्की और कहीं पर मध्यम वर्षा की संभावना है। उम्मीद कर सकते हैं कि बारिश से दिल्ली-एनसीआर में भयानक हो गया प्रदूषण कुछ कम होगा और वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार देखने को मिलेगा। गौरतलब है कि 10 नवंबर को दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया था।
Image credit: Daily Excelsior
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