उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में अप्रैल की शुरुआत से ही अच्छी बारिश हो रही है। बीते कुछ दिनों के दौरान पश्चिमी हिमालयी राज्यों से होकर गुजरने वाले पश्चिमी विक्षोभ प्रभावी रहे और जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड में अच्छी बारिश दी। रुक-रुक कर पहाड़ों पर हो रही बारिश के चलते तापमान गिरा और पिछले दिनों की गर्मी से कई दिनों की राहत मिली।
पिछले 24 घंटों के दौरान भी पर्वतीय राज्यों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई। इसमें बटोटे में सबसे अधिक 31.2 मिलीमीटर की वर्षा हुई। हमीरपुर में 27 मिमी, अल्मोड़ा में 21 मिमी, पहलगाम में 19.4 मिमी, भद्रवाह में 17 मिमी, मनाली में 14.6 मिमी, बनिहाल में 14.2 मिमी, कोकेरनाग में 12.4 मिमी, देहारादून में 10.4 मिमी, कुल्लू में 9.8 मिमी, मसूरी में 7 मिमी, धर्मशाला में 6.4 मिमी, शिमला 5.1 मिमी, जम्मू में 5 मिमी, कटरा में 4 और श्रीनगर में 3.2 बारिश रिकॉर्ड की गई।
पश्चिमी विक्षोभ पूर्वी दिशा में बढ़ रहा है और अभी भी सक्रिय है। इसके चलते तीनों राज्यों में एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश आज शाम या रात तक देखने को मिल सकती है। उसके बाद पश्चिमी विक्षोभ निष्प्रभावी हो जाएगा और बारिश की गतिविधियां कल से बंद हो जाएंगी। इस बदलाव के चलते तापमान में वृद्धि होगी और गर्मी कुछ समय के लिए बढ़ेगी। इस बीच बारिश और बर्फबारी बंद होने के बाद ऊंचे पहाड़ों पर एक-दो जगहों हिमस्खलन या भूस्खलन की आशंका है।
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हालांकि 15 अप्रैल से एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के करीब आने वाला है। अनुमान है कि 15-16 अप्रैल से फिर से मौसम करवट लेगा और कुछ स्थानों पर बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। अप्रैल महीने में जम्मू कश्मीर में आमतौर पर 97.5 मिलीमीटर की अच्छी बारिश होती है। हिमाचल प्रदेश में 65 और उत्तराखंड में 33 मिलीमीटर की वर्षा रिकॉर्ड की जाती है।
दूसरी ओर इस साल के शुरुआती तीन महीनों के दौरान बारिश में 60 प्रतिशत की कमी रही। हालांकि अब तक अप्रैल में संतोषजनक वर्षा हो गई है। यहाँ तक की 5 से 11 अप्रैल के बीच एक सप्ताह की अवधि में जम्मू कश्मीर में सामान्य से 107 प्रतिशत अधिक 49.6 मिलीमीटर वर्षा हुई है। हिमाचल प्रदेश में सामान्य से 55 फीसदी अधिक 26.6 मिलीमीटर बारिश हुई है। उत्तराखंड में इस दौरान 0.8 मिलीमीटर बारिश होती है लेकिन 7.7 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
Image credit: DailyHunt
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