उत्तर भारत में भी प्री-मॉनसून बारिश की राहत अब खत्म हो गई है। उत्तर भारत के इलाके भी अब भीषण गर्मी की चपेट में आने वाले हैं। हालांकि जम्मू कश्मीर के पास एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है, जो पूर्वी दिशा में आगे जा रहा है। इसके प्रभाव से राजस्थान पर हवाओं में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी अब कमजोर हो रहा है।
इसके बावजूद 27 मई को जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों में छिटपुट जगहों पर हल्की बारिश होने की संभावना है। बारिश की गतिविधियां 28 मई से बंद हो जाएंगी जिससे पहाड़ों पर भी मई के आखिर से तापमान में वृद्धि शुरू होगी।
दूसरी ओर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में उत्तर पश्चिमी दिशा से शुष्क और बेहद गर्म हवाएं चलेंगी जिसके कारण कई शहरों में दिन का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के आसपास रिकॉर्ड किया जा सकता है।
हिसार, चुरू, आगरा, दिल्ली-एनसीआर में एक-दो दिन में लू का प्रकोप शुरू हो सकता है।
मध्य भारत में पहले से ही लू चल रही है। आज भी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, और छत्तीसगढ़ के शहरों में तापमान में किसी तरह की गिरावट की उम्मीद नहीं है। बल्कि उत्तर पश्चिमी दिशा से आने वाली शुष्क और गर्म हवाओं के कारण पारा और बढ़ेगा। अकोला, वर्धा, नागपुर सहित विदर्भ में पारा 46 डिग्री तक पहुँच सकता है।
ओडिशा के पश्चिमी शहर लू की चपेट में रहेगा। हालांकि राज्य के तटीय हिस्सों में 1-2 स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है।
पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत का रुख करें तो बिहार और झारखंड के पश्चिमी इलाकों में भी लू चलने की संभावना है। जबकि उत्तर पूर्वी बिहार जिसमें किशनगंज, अररिया, सुपौल के इलाके शामिल हैं उनमें हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।
जबकि हिमालय से सटे पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश कहीं-कहीं पर हो सकती है।
लू का प्रकोप दक्षिण भारत तक पहुंचा हुआ है। यहाँ तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कुछ शहरों पर लू का प्रकोप होगा।
लेकिन बेंगलुरु सहित दक्षिण-पूर्वी कर्नाटक में भारी वर्षा की संभावना है। केरल में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। जबकि तमिलनाडु में बूंदाबांदी होगी लेकिन मौसम गर्म रहेगा।
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