उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में बीते कई दिनों से मौसम शुष्क बना हुआ है। तापमान भी अधिकतर इलाकों में सामान्य से ऊपर पहुँच गया है। मॉनसून में ब्रेक है। मॉनसून की वापसी का भी समय नजदीक है ऐसे में लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि मॉनसून सीज़न सम्पन्न होने से पहले बारिश होगी या नहीं।
इस बीच दक्षिणी हरियाणा और इससे सटे उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में मौसमी परिदृश्य बदल गया है। इन भागों में पूर्वी दिशा से आर्द्र हवाएँ पहुँच रही हैं। हालांकि यह हवाएँ बंगाल की खाड़ी से नहीं है जिससे विशेष हलचल देखने को नहीं मिलेगी। अगले कुछ दिनों तक मौसम इसी तरह बना रह सकता है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार हरियाणा के दक्षिणी हिस्सों विशेषकर हिसार, सिरसा, भिवानी और पिलानी में दोपहर या शाम के समय गरज वाले बादल विकसित होने और कहीं-कहीं थोड़े समय के लिए हल्की वर्षा होने की संभावना है।
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उत्तर प्रदेश में हाथरस, सहारनपुर, मेरठ, आगरा, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद और मथुरा सहित दक्षिणी हरियाणा से सटे भागों में भी आर्द्र रहेगी जिससे बादल छाए रह सकते हैं। इन भागों में भी दोपहर बाद या शाम के समय बादलों की गर्जना तथा कहीं-कहीं बौछारों का झोंका देखने को मिल सकता है। हालांकि सिस्टम प्रभावी नहीं हैं जिससे मौसमी हलचल छिटपुट इलाकों में ही होगी। हरियाणा और उत्तर प्रदेश में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों में भी छिटपुट जगहों पर मौसमी हलचल देखने को मिल सकती है। मॉनसून की अक्षीय रेखा के चलते इलाहाबाद, मिर्ज़ापुर, वाराणसी और इससे सटे हिस्सों में छिटपुट जगहों पर हल्की बारिश का अनुमान है जबकि लखनऊ और कानपुर सहित शेष उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क बना रहेगा।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में अगले कुछ दिनों तक मौसम में बदलाव के आसार कम हैं। अनुमान है कि 19 सितंबर से मौसम करवट लेगा।
Image credit: Canada.com
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