मध्य भारत के राज्यों में मार्च महीने में आमतौर पर बारिश कम होती है। यही वजह होती है कि मध्य प्रदेश सहित आसपास के इलाके सबसे पहले गर्मी की चपेट में आते हैं। इस बीच मार्च के पहले हफ्ते में मध्य प्रदेश और राजस्थान में बारिश दर्ज की गई है। मध्य प्रदेश के कई भागों में 5 और 6 मार्च को बारिश हुई। जबकि राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग समय पर हल्की वर्षा देखने को मिली।
राजस्थान और मध्य प्रदेश पर फिर से मौसम सक्रिय हो रहा है। इस समय राजस्थान के बीकानेर से मध्य प्रदेश के पूर्वी भागों तक एक ट्रफ विकसित होती दिखाई दे रही है। इसके प्रभाव से राजस्थान में कई जगहों पर 8 और 9 मार्च को हल्की वर्षा होने की संभावना है। उत्तर-पश्चिमी राजस्थान में गंगानगर से लेकर बीकानेर, चुरू, कोटा, जयपुर और चित्तौड़गढ़ में 8 और 9 मार्च को गरज के साथ हल्की वर्षा दर्ज की जा सकती है। हालांकि बारिश की तीव्रता बहुत अधिक नहीं होगी।
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मध्य प्रदेश के पश्चिमी भागों में 8 मार्च को बादल दिखेंगे और 9 मार्च से हल्की वर्षा शुरू हो सकती है। दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश विशेषकर झबुआ, खरगौन, धार, उज्जैन, राजगढ़, शाजापुर और भोपाल में 9 मार्च को कुछ स्थानों पर गरज के साथ हल्की वर्षा होने की संभावना है। धीरे-धीरे बारिश वाले बादल पूर्वी भागों में पहुंचेगे और 10 मार्च को नरसिंहपुर, जबलपुर, सागर और दमोह सहित आसपास के भागों में वर्षा देखने को मिलेगी। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मार्च से मई की अवधि में होने वाली मौसमी हलचल के दौरान तेज़ हवाएँ चलती हैं, तेज़ गर्जना और ओलावृष्टि की भी आशंका बनी रहती है जिससे जान और माल दोनों को चुनौती होती है। हालांकि 8 से 10 मार्च के बीच संभावित बारिश बहुत तेज़ नहीं होगी इसलिए मौसम कोई चुनौती खड़ी नहीं करने वाला है। लेकिन बारिश के दौरान या बारिश के बाद अगर तेज़ हवाएँ चलती हैं तो फसल को कुछ हद तक क्षति पहुंचा सकती हैं।
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