उत्तर प्रदेश और बिहार में इस समय मौसम शुष्क है। अगले तीन-चार दिनों तक इसमें किसी विशेष बदलाव की संभावना भी नहीं है। पिछले दिनों पंजाब, हरियाणा तथा मध्य भारत के कुछ राज्यों में हुई बारिश और पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के बाद चल रही उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाओं के प्रभाव से दोनों राज्यों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। अनुमान है कि तापमान में अगले 24 से 48 घंटों तक कुछ और गिरावट हो सकती है।
इससे पहले अधिकतम और न्यूनतम तापमान बढ़ते हुए सामान्य से ऊपर पहुंच गए थे, सर्दी का प्रभाव अधिकांश भागों में दिन में समाप्त हो चुका था। हालांकि रात अभी भी शीतल बनी हुई है क्योंकि न्यूनतम तापमान दोनों राज्यों में 15 डिग्री के आसपास चल रहा है। मौसम विशेषज्ञों का आकलन है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक लगभग सभी भागों में अगले 24 से 48 घंटों तक इसी तरह मध्यम से तेज हवाएं चलती रहेंगी। अधिकतम तापमान नियंत्रण में रहेगा।
उसके बाद पहाड़ों पर आने वाले पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हवाओं की रफ्तार कम होगी और धूप का प्रभाव पड़ेगा जिससे 28 फरवरी से दिन के तापमान में फिर से बढ़ोतरी शुरू होने की संभावना है। जाहिर है, तापमान बढ़ेगा तो गर्मी का भी असर बढ़ने लगेगा। लेकिन इस बीच एक राहत की बात यह है कि 4 और 5 मार्च को उत्तर प्रदेश तथा बिहार में कुछ स्थानों पर गरज के साथ हल्की वर्षा होने की संभावना बन रही है।
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मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 4 मार्च को पश्चिमी मध्य प्रदेश से झारखंड तक एक ट्रफ रेखा विकसित होगी जिसके चलते बंगाल की खाड़ी से आर्द्र हवाएं इन भागों में पहुंचेगी जो पश्चिम से आ रही शीतल हवाओं से मिल जाएंगी। दो विपरीत दिशा और विपरीत प्रकृति की हवाओं के आपस में टकराने से मौसम सक्रिय होगा और कुछ स्थानों पर बारिश देखने को मिलेगी। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
इस मौसम को कृषि के संदर्भ में देखें तो आगामी बारिश फिलहाल रबी फसल को नुकसान नहीं पहुंचाने वाली, क्योंकि बारिश की तीव्रता बहुत अधिक नहीं होगी। बल्कि परिपक्व अवस्था में पहुंचने से पहले फसलों में पानी की जो थोड़ी बहुत जरूरत है वह पूरी हो सकती और फसलों को लाभ भी पहुंचेगा।
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