मानसून के मौसम के बाद, राजस्थान में बमुश्किल ही बारिश हुई। पूर्वी और पश्चिमी, दोनों ही राजस्थान में मौसम लगभग शुष्क और गर्म है। वास्तव में, यह राज्य के लिए 'दूसरी गर्मी का मौसम' है।
यदि आंकड़ों के बारे में बात की जाये तो पश्चिम राजस्थान में सामान्य औसत से 94% कम बारिश हुई जबकि पूर्वी राजस्थान में बारिश में कमी का आंकड़ा 92% है।
अक्टूबर के महीने में राजस्थान के लिए मासिक औसत वर्षा के आकंड़े में भी कमी आई है। दरअसल राजस्थान के कुछ हिस्सों, यानी उत्तरी और मध्य राजस्थान में सक्रिय पश्चिमी विछोभ की वजह से बारिश होती है जो उत्तरी राजस्थान और इसके आसपास के इलाकों में चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र को प्रेरित करती है। इसके विपरीत, जब तक दक्षिणपूर्व अरब सागर में कोई महत्वपूर्ण मौसमी गतिविधि नहीं होती, तब तक राजस्थान का दक्षिणी भाग शुष्क और गर्म रहेगा।
वर्तमान में, जम्मू-कश्मीर से होते हुए एक पश्चिमी विछोभ आगे बढ़ रहा है और इसने उत्तरी राजस्थान और उसके आस-पास के इलाकों में चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र को प्रेरित किया है। हालांकि पश्चिमी विछोभ बहुत सक्रिय नहीं है और वातावरण में पर्याप्त नमी उपलब्ध नहीं है। इस मौसमी प्रणाली की वजह से उत्तरी, मध्य और पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
ऐसी संभावना है की आकाश में बादल आंशिक रूप से छाये रहेंगे और कुछ इलाकों में दिन का तापमान 2-3 डिग्री सेल्सियस गिर सकता है। हालांकि ये राहत आंशिक रहेगी। 18 अक्टूबर के बाद मौसम एक बार फिर बहुत गर्म और शुष्क हो जाएगा।
अधिकतम तापमान 35 से 39 डिग्री सेल्सियस के बीच है। मंगलवार को चुरु और बाड़मेर में तापमान 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि जैसलमेर और गंगानगर में 37 डिग्री और फलोदी में 39 डिग्री। इस बीच जैसलमेर में न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि गंगानगर में 18 डिग्री, सीकर में 16 डिग्री और चुरु में 14 डिग्री। यह स्पष्ट रूप से तापमान में बड़े अंतर को इंगित करता है।
यह उम्मीद की जाती है कि आने वाले कुछ दिनों में न्यूनतम तापमान और गिर सकता है लेकिन अधिकतम तापमान में गिरावट बेहद मामूली होगी। हालांकि नवंबर के महीने में सर्दियों की शुरुआत तभी होगी जब दिन का तापमान भी गिरना शुरू हो जाएगा।
Image Credit: Make My Trip
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