[Hindi] उत्तर के मैदानी राज्यों में हल्की बारिश, तेज़ गर्मी से मिलेगी राहत

May 7, 2017 5:57 PM | Skymet Weather Team

उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में पंजाब से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान तक बीते कुछ दिनों से पारा तेज़ी से बढ़ रहा है। कुछ इलाकों में लू जैसे हालत विकसित हो गए हैं। राजधानी दिल्ली में दिन का तापमान सामान्य से 3 डिग्री अधिक रिकॉर्ड किया जा रहा है। इसी तरह अन्य मैदानी राज्यों में भी पारा सामान्य से ऊपर पहुँच गया है। तापमान बढ़ने के चलते कुछ इलाकों में लू जैसे हालात विकसित हो गए हैं।

इस बीच दिल्ली सहित मैदानी राज्यों में लोगों के लिए हमारे पास अच्छी खबर है। अगले 3 दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत में मौसम का मिजाज़ बदलने वाला है और कुछ स्थानों पर धूलभरी आँधी और बादलों की गर्जना के साथ वर्षा होने की संभावना बन रही है। इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के पास पहुँच गया है। इसके प्रभाव से विकसित हुआ चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान तथा इससे सटे राजस्थान और पंजाब के भागों पर दिखाई दे रहा है।

इन मौसमी सिस्टमों के चलते पंजाब और हरियाणा में 8 से 10 मई के बीच धूलभरी आँधी चलने की संभावना है। इस दौरान कहीं-कहीं बादलों की गरज के साथ बारिश होने के आसार हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी मौसम में कुछ इसी तरह की हलचल देखने को मिलेगी। हालांकि उत्तर भारत के सभी मैदानी राज्यों में कल दोपहर तक भीषण गर्मी का सामना करना पड़ेगा।

पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दोपहर के बाद या शाम के समय से शुरू होने वाली इन मौसमी गतिविधियों के चलते शाम के बाद तापमान में कुछ कमी आएगी जिससे रात में खुशनुमा मौसम की उम्मीद की जा सकती है। अगले 24 घंटों के बाद अधिकतम तापमान में भी कुछ कमी होगी जिससे 9 और 10 मई को गर्मी से राहत मिलेगी। तापमान में 11 मई से फिर से वृद्धि होने के आसार हैं।

पश्चिमी विक्षोभ, चक्रवाती सिस्टम या ट्रफ के रूप में विकसित होने वाले इन मौसमी सिस्टमों के चलते होने वाली प्री-मॉनसून वर्षा की गतिविधियां ग्रीष्म ऋतु के समय तापमान पर लगाम लगाती हैं और भीषण गर्मी से लोगों को राहत मिलती है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार लंबे समय तक प्री-मॉनसून वर्षा के अभाव में तापमान नए रिकॉर्ड बना सकता है जिससे सामान्य जन-जीवन के लिए चुनौती पैदा हो सकती है। यह सुखद है कि छोटे-छोटे अंतराल पर होने वाली प्री-मॉनसूनी गतिविधियों के चलते ऐसी चुनौतियों का सामना हमें नहीं करना पड़ रहा है।

Image credit: Tribune India

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