पिछले कुछ दिनों में राजस्थान के पूर्वी भागों में हल्की मॉनसून वर्षा की गतिविधियां बनी रही हैं जबकि पश्चिमी हिस्सों में लंबे समय से मौसम शुष्क बना हुआ था। हालांकि इस समय आमतौर पर पश्चिमी राजस्थान के भागों में बारिश नहीं होती है क्योंकि यह मॉनसून वापसी का दौर होता है और इसकी शुरुआत भी पश्चिमी राजस्थान से ही होती है। ऐसे में जैसलमर, बाड़मेर और चुरू जैसे पश्चिमी भागों में बारिश लोगों के लिए सुखद आश्चर्य से कम नहीं होता है।
पिछले 48 घंटों में राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में मौसम ने करवट ली है और कई इलाकों में बारिश की गतिविधियां देखने को मिली हैं। राज्य के कई इलाकों में हल्की तो कुछ हिस्सों में मध्यम मॉनसून बौछारें दर्ज की गई हैं। मध्य भारत में पिछले दो दिनों से एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है जिसके चलते राजस्थान में मौसम बदला है। इस सिस्टम के चलते बंगाल की खाड़ी से आर्द्र हवाएँ मध्य भारत होते हुए गुजरात और राजस्थान तक पहुँच रही हैं।
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बुधवार की सुबह 8:30 बजे से पिछले 24 घंटों के दौरान हुई बारिश का ज़िक्र करें तो चितौड़गढ़ में 42 मिलिमीटर की भारी बारिश दर्ज की गई। इसी तरह सवाई माधोपुर में 35 मिलीमीटर, उदयपुर में 29 मिलीमीटर, सीकर में 17, जोधपुर में 14, जयपुर में 14, अजमेर में 10 और भीलवाड़ा में 4 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। राजस्थान पर गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार राजस्थान के पूर्वी हिस्सों में अगले 24 घंटों के दौरान कुछ स्थानों पर हल्की जबकि एक-दो जगह मध्यम वर्षा जारी रहने की संभावना है। इस दौरान उदयपुर, जयपुर, कोटा, चितौड़गढ़ और माउंट आबू में मॉनसून वर्षा देखने को मिल सकती है।
दूसरी ओर पश्चिमी राजस्थान में मौसम मुख्यतः शुष्क और गर्म ही बना रहेगा। श्रीगंगानगर, बीकानेर, चुरू, हनुमानगढ़ और जैसलमर में पारा 37 से 39 डिग्री तक पहुँच सकता है जिससे इन भागों में दिन भीषण रूप से गर्म होगा।
अब तक राजस्थान में मॉनसून का प्रदर्शन सामान्य से बेहतर रहा है। 13 सितंबर तक के आंकड़ों के अनुसार राज्य में सामान्य से 11 फीसदी अधिक वर्षा हुई है। इसमें पश्चिमी राजस्थान में सामान्य से 43 फीसदी अधिक और पूर्वी भागों में सामान्य से 7 प्रतिशत ज़्यादा बारिश हुई है।
Image credit: TTI Trends
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