अपडेट : 08 जुलाई, 2016 01:55 PM (IST) मध्य प्रदेश में मॉनसून उग्र, कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात
मध्य प्रदेश के उत्तर-पूर्वी भागों पर बने गहरे निम्न दबाव के चलते राज्य में मॉनसून पूरे ज़ोरों पर हैं। गुरुवार से ही मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मूसलाधार जलवृष्टि हो रही है। जमकर बरस रहे मॉनसून के चलते कई इलाके ऐसे हैं जहां बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। गुरुवार की सुबह 8:30 बजे से बीते 24 घंटों के दौरान सतना में 244 मिलीमीटर, जबलपुर में 110 मिमी, सागर में 104 मिमी, खजुराहो में 79 मिमी और होशंगाबाद में 54 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
विदर्भ, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और ओड़ीशा में बीते 24 घंटों के दौरान मॉनसून का प्रदर्शन सामान्य रहा। ओड़ीशा के पारादीप में 38 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। भुवनेश्वर में 40 मिमी, रायपुर में 23 मिमी और पेंडरा में 3 मिलीमीटर वर्षा हुई। देश के बाकी सभी भागों में मॉनसून में सुस्ती रही और अधिकांश स्थानों पर या तो मौसम शुष्क रहा अन्यथा हल्की वर्षा देखने को मिली।
स्काइमेट के अनुसार मध्य प्रदेश में मॉनसून उग्र ही रहेगा। साथ ही मॉनसून की सक्रियता पश्चिमी तटों पर भी बढ़ेगी, जिससे पश्चिमी तटवर्ती क्षेत्रों में वर्षा कई जगहों पर होने के आसार हैं। बंगाल की खाड़ी में बन रहे एक नए चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के चलते तटवर्ती आंध्र प्रदेश, ओड़ीशा, तेलंगाना और विदर्भ में मॉनसून के ज़ोर पकड़ने और बारिश के बढ़ने की संभावना है।
अपडेट : 07 जुलाई, 2016 12:55 PM (IST) मध्य प्रदेश में भीषण मॉनसूनी बारिश
मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों पर बने डिप्रेशन के चलते यहाँ मॉनसून पूरे शबाब पर है। इसके चलते राज्य के अधिकांश हिस्सों में भीषण मॉनसूनी बारिश की गतिविधियां हो रही हैं। मौसम में यह बड़ा बदलाव मध्य प्रदेश के उत्तर-पूर्वी भागों पर बने डिप्रेशन के चलते देखने को मिल रहा है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यह सिस्टम मध्य प्रदेश पर अगले 24 से 48 घंटों तक बना रहेगा।
बुधवार की सुबह 8:30 बजे से बीते 24 घंटों के दौरान सतना में 277 मिलीमीटर की भीषण बारिश दर्ज की गई। दमोह में 194 मिमी, खजुराहो में 114 मिमी और सागर में 104 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। मध्य भारत के शेष भागों और पूर्वी राज्यों में भी मॉनसून सक्रिय बना रहा। पश्चिमी तटों और प्रायद्वीपीय भारत के भागों में मॉनसून की विशेष हलचल नहीं देखी गई।
हालांकि पश्चिमी तटों पर एक-दो इलाके ऐसे हैं जहां भारी वर्षा दर्ज की गई। इनमें कर्नाटक का मंगलुरु शामिल है जहां 75 मिमी वर्षा हुई। भागलपुर में 51 मिलीमीटर, पटना में 13 मिमी, बांकुरा में 11 मिमी, रायपुर में 15, कुरनूल में 23 मिमी, चेन्नई में 18 मिमी और कोझिकोड में 26 मिमी बारिश देखने को मिली।
अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून के संभावित प्रदर्शन की बात करें तो मध्य भारत, विशेषकर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उससे सटे उत्तर प्रदेश में मॉनसून प्रभावी बना रहेगा। जबकि देश के शेष भागों में मॉनसून कमजोर रहेगा। पश्चिमी तटों पर भी मॉनसून के प्रदर्शन में सुस्ती देखने को मिलेगी। हालांकि इन भागों में एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
अपडेट : 05 जुलाई, 2016 12:40 PM (IST) सक्रिय मॉनसून से पश्चिमी तटों तथा मध्य व पूर्वी भारत में अच्छी वर्षा
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पश्चिमी तटों पर सक्रिय है। तटीय कर्नाटक, कोंकण-गोवा और उत्तरी केरल में मध्यम से भारी वर्षा हो रही है। सोमवार की सुबह 8:30 बजे से बीते 24 घंटों के दौरान होनावर में 81.6 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। मंगलुरु में 75 मिमी, कारवार में 67.8 मिमी, कोझिकोड़ में 49 मिमी, कन्नूर में 47 मिमी, मुंबई में 46.1 मिमी और रत्नागिरी में 39 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
सक्रिय मॉनसून के चलते मध्य भारत में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ तथा पूर्वी राज्यों में भी अच्छी मॉनसूनी बारिश की गतिविधियां जारी रहीं। मालदा में 84 मिलीमीटर, सागर में 73 मिमी, डाल्टनगंज में 71 मिमी, वाराणसी में 61 मिमी, भागलपुर में 64 मिमी, गया में 44 मिमी, पटना में 42 मिमी, बालासोर में 26 मिमी और पेंडरा में 24 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
तमिलनाडु और आंतरिक कर्नाटक को छोड़कर देश के अन्य हिस्सों में मॉनसून का सामान्य प्रदर्शन रहा। उत्तर और पश्चिम भारत के भागों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई। गुजरात के अहमदाबाद में 45 मिमी वर्षा हुई। दिल्ली में 19 मिमी, देहारादून में 9 मिमी, बीकानेर में 4 मिमी, दीसा में 6 मिमी तथा बड़ौदा में 5 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
आगामी 24 घंटों के लिए मॉनसून पूर्वानुमान
मॉनसून गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के शेष सभी भागों में पहुँच चुका है। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की उत्तरी सीमा मंगलवार की दोपहर तक के आंकड़ों के अनुसार नलिया, जालोर, जोधपुर और फलोदी होकर गुजर रही है।
अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून पश्चिमी तटों विशेषकर तटीय कर्नाटक और केरल में पूरे चरम पर रहेगा। मध्य भारत में भी मॉनसून की सक्रियता के चलते मॉनसूनी बारिश में इजाफा हो सकता है जबकि पूर्वी राज्यों में बारिश की तीव्रता में कमी आने की संभावना है।
केरल और कर्नाटक के तटों पर भारी वर्षा हो सकती है। जबकि मध्य प्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश में अच्छी मॉनसूनी बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। अरुणाचल प्रदेश, असम, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में भी कई जगहों पर मॉनसूनी बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बौछारें गिर सकती हैं।
पश्चिम बंगाल के शेष हिस्सों, झारखंड, बिहार और उत्तरी कोंकण क्षेत्र में मॉनसून में कुछ कमजोरी के चलते बारिश में कमी आने के आसार हैं। उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, रायलसीमा, कच्छ, पश्चिमी राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में मौसम मुख्यतः शुष्क होगा जबकि देश के शेष हिस्सों में हल्की वर्षा जारी रहने का अनुमान है।
अपडेट : 03 जुलाई, 2016 12:55 PM (IST) उत्तर भारत के मैदानी भागों में मॉनसून के आगाज़ के साथ अच्छी वर्षा
दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने उत्तर भारत के मैदानी भागों के अधिकांश हिस्सों में 02 जुलाई को दस्तक दे दी। पंजाब और हरियाणा के भी अधिकांश इलाकों में मॉनसून पहुँच चुका है। राजस्थान के पूर्वी और मध्य हिस्सों को भी मॉनसून पार कर गया है। दिल्ली में मॉनसून के आगमन की सामान्य समय सीमा 29 जून है। मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय द्वारका, वल्लभ, विद्यानगर, बूंदी, जयपुर, हिसार और भटिंडा से होकर गुजर रही है। मॉनसून के आगमन के साथ ही दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत में घने बादल बने हुए हैं और रूक रूक कर मॉनसूनी बारिश देखने को मिल रही है।
अगले 24 घंटों का मॉनसून पूर्वानुमान
दक्षिणी गुजरात, कोंकण-गोवा, कर्नाटक, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है।
पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मूसलाधार वर्षा हो सकती है। इन भागों में कहीं-कहीं भीषण बारिश के भी आसार हैं। मध्य प्रदेश के शेष हिस्सों, उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने के आसार हैं।
पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में मॉनसून सामान्य रूप से प्रदर्शन करेगा। बिहार, झारखंड और ओड़ीशा में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। महाराष्ट्र के शेष भागों तथा तेलंगाना में कुछ जगहों पर बारिश दर्ज की जा सकती है।
अपडेट : 30 जून, 2016 12:40 PM (IST) पश्चिमी तटों पर मॉनसून सक्रिय
देश के पश्चिमी तटों, विशेषकर कोंकण-गोवा और तटीय कर्नाटक में मॉनसून पूरी तरह से सक्रिय है। इन भागों में कई जगहों पर 3 अंकों में वर्षा दर्ज की गई है। बुधवार की सुबह के 8:30 बजे से बीते 24 घंटों के दौरान अगुम्बे में 130.4 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। करवार में 103.4 मिमी, हरनई में 113.3 मिमी, दापोली में 86 मिमी और रत्नागिरी में 84.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। विदर्भ, मराठवाड़ा, तेलंगाना, केरल और पूर्वी तटों पर मॉनसून सामान्य रहा।
तमिलनाडु और आंतरिक कर्नाटक में मॉनसून में सुस्ती रही। इन भागों में बारिश का आंकड़ा दहाई तक नहीं पहुँच पाया। पूर्वी बिहार, छत्तीसगढ़, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड और पूर्वी मध्य प्रदेश में भी दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सुस्त बना हुआ है। अगले 24 घंटों के दौरान भी दक्षिण पश्चिम मॉनसून पश्चिमी तटों पर सक्रिय रहेगा। दक्षिणी कोंकण-गोवा क्षेत्र में मूसलाधार वर्षा की गतिविधियां जारी रहने का अनुमान है।
तटीय कर्नाटक में बारिश में कुछ कमी आएगी हालांकि तटीय कर्नाटक और केरल में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा के साथ एक-दो स्थानों पर भारी बौछारें भी दर्ज की जा सकती हैं। उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर राज्यों में भी अच्छी वर्षा होने की संभावना है।
तेलंगाना, मराठवाड़ा, विदर्भ और मध्य प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी। तेलंगाना, मराठवाड़ा और विदर्भ में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा भी हो सकती है। गंगीय पश्चिम बंगाल, रायलसीमा, उत्तर प्रदेश, गुजरात और दक्षिणी राजस्थान में एक-दो स्थानों पर बारिश होने का अनुमान है।
अपडेट : 29 जून, 2016 12:00 PM (IST) तटीय कर्नाटक और कोंकण-गोवा में भीषण मॉनसूनी बारिश
तटीय कर्नाटक और दक्षिणी कोंकण-गोवा क्षेत्र में मॉनसून पूरे ज़ोरों पर है। इन भागों में लगभग सभी जगहों पर बीते 24 घंटों के दौरान बारिश का आंकड़ा 3 अंकों में दर्ज किया गया। कर्नाटक के होनावर में 202 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। बीते 24 घंटों के दौरान होनावर देश का सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान रहा। इसके अलावा कारवार में 151 मिलीमीटर, हरनई में 182.6 मिलीमीटर, रत्नागिरी में 140 मिलीमीटर, मुंबई में 104 मिलीमीटर और पणजी में 113 मिलीमीटर मॉनसूनी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
केरल में मॉनसून सामान्य रूप से सक्रिय रहा और यहाँ कन्नूर में 51 मिलीमीटर जबकि कोची में 27.8 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। इस बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, आंतरिक ओड़ीशा और छत्तीसगढ़ में मॉनसून में सुस्ती बनी रही, जिससे इन भागों में बीते समय में कुछ स्थानों पर मामूली वर्षा ही रिकॉर्ड की गई।
इसके अलावा देश शेष सभी भागों में मॉनसून का प्रदर्शन सामान्य रहा। काकीनाड़ा में 53 मिमी, रामागुंडम और चेन्नई में 30 मिमी, जमशेदपुर में 22 मिमी, भोपाल में 47 मिमी, सागर में 41 मिमी, कोटा में 15 मिमी, बरेली में 36 मिमी, बंगलुरु में 5 मिमी, डिब्रुगढ़ में 16 मिमी और नागपुर में 21 मिमी वर्षा देखने को मिली।
आने वाले समय में भी पश्चिमी तटों पर मॉनसून ज़ोरों पर रहेगा जिससे पश्चिम के तटीय हिस्सों में भारी वर्षा की गतिविधियां जारी रहेंगी। मध्य महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के पश्चिमी भागों में भी मॉनसून सक्रिय रहेगा जिससे इन स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा जारी रहने की संभावना है। देश के शेष सभी हिस्सों में सामान्य मॉनसूनी बारिश होने के आसार हैं।
दिल्ली सहित उत्तर भारत के शेष मैदानी भागों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की प्रतीक्षा अभी भी जारी है। हालांकि वर्तमान मौसमी परिदृश्य को देखते हुए यह कहा जा रहा है कि इन भागों में मॉनसून के जल्द पहुँचने की संभावना है। दिल्ली में आमतौर पर 29 जून को मॉनसून का आगाज होता है।
अपडेट : 27 जून, 2016 01:30 PM (IST) पश्चिमी तटों पर मॉनसून सक्रिय
दक्षिण पश्चिम मॉनसून इस समय पश्चिमी तटों पर विशेषकर तटीय कर्नाटक और कोंकण-गोवा क्षेत्र में ज़ोरों पर है। इसके अलावा उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और तटवर्ती ओड़ीशा में भी मॉनसूनी बारिश हो रही है।
उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओड़ीशा के तटवर्ती भागों के पास बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इन भागों के करीब ही एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी बना हुआ है। यह 28 जून को देश के भू-क्षेत्र पर पहुँच सकता है। इसके चलते 28 जून से मध्य भारत में बारिश में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।
मंगलवार को तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कोंकण-गोवा और तटीय कर्नाटक में मध्यम से भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। गुजरात के सौराष्ट्र तथा महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र में भी मध्यम से भारी बारिश दर्ज की जा सकती है।
पूर्वोत्तर और पूर्वी राज्यों में मॉनसून अपेक्षाकृत कमजोर रहेगा। हालांकि उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा होने की संभावना है। इसके अलावा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, आंतरिक कर्नाटक, ओड़ीशा और पूर्वी राजस्थान में भी कुछ जगहों पर हल्की बारिश हो सकती है।
उत्तरी तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा दर्ज किए जाने का अनुमान है। पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में भी कहीं-कहीं हल्की बौछारें दर्ज की जा सकती हैं।
अपडेट : 26 जून, 2016 03:00 PM (IST) मॉनसून बढ़ा आगे, राजस्थान में दी दस्तक
दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2016 में आज और प्रगति हुई तथा यह पश्चिम में अरब सागर के कुछ और भागों के साथ-साथ पूर्वी भागों में भी आगे बढ़ा। दक्षिणी गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश में आगे बढ़ते हुए मॉनसून ने पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के सीमावर्ती भागों को भी अपने दायरे में ले लिया। इस समय देश के दोनों समुद्र तटीय भागों पर मौसमी सिस्टम बने हुए हैं। यह सिस्टम मॉनसून को भी प्रभावित कर रहे हैं।
मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय द्वारका, वल्लभ विद्यानगर, सवाई माधोपुर, ग्वालियर, लखनऊ, पंतनगर, देहरादून, ऊना और जम्मू से होकर गुजर रही है। वर्तमान मौसमी परिदृश्य को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में भी इसके आगे बढ़ने के लिए स्थितियाँ अनुकूल हैं।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2016 जल्द ही राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश के शेष भागों के साथ-साथ उत्तर भारत के मैदानी भागों में भी दस्तक दे सकता है। अगले 24 से 48 घंटों में मॉनसून राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के और करीब पहुँच जाएगा और जल्द ही पंजाब तथा हरियाणा में भी मॉनसूनी बारिश होने की संभावना बन रही है।
अपडेट : 22 जून, 2016 07:00 PM (IST) गुजरात में भी पहुंचा मॉनसून
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने आज भी प्रगति की और यह अरब सागर के उत्तरी भागों में आगे बढ़ते हुए गुजरात के दक्षिणी छोरों पर पहुँच गया। मध्य प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों में भी मॉनसून आगे बढ़ा है। हालांकि आज मॉनसून ने पश्चिमी भाग में जहां प्रगति की वहीं पूर्वी भाग में इसमें कोई प्रगति नहीं देखी गई।
मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय वेरावल, सूरत, रतलाम, झाँसी, लखनऊ, पंतनगर, देहारादून, ऊना और जम्मू से होकर गुजर रही है। वर्तमान प्रगति और प्रदर्शन को देखते हुए पूरी संभावना है कि दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में सहित देश के बाकी हिस्सों में भी इस महीने के अंत तक मॉनसून का आगमन हो जाएगा।
अपडेट : 21 जून, 2016 02:00 PM (IST) मॉनसून ने पकड़ी लय, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर तक पहुंचा मॉनसून
मॉनसून ने अब अपनी लय पकड़ ली है। गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के छिटपुट उत्तरी भागों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में मॉनसून का आगाज हो चुका है।
तटीय कर्नाटक और कोंकण-गोवा क्षेत्र में मॉनसून ज़ोरों पर
इस बीच सक्रिय मॉनसून के चलते पश्चिमी तटीय भागों मेंअधिकांश जगह मध्यम से भारी बारिश हो रही है। केरल, कर्नाटक, कोंकण-गोवा और मुंबई तक अच्छी मॉनसूनी बारिश देखने को मिल रही है। बीते 24 घंटों के दौरान दहानु में 116 मिलीमीटर, मुंबई में 107 मिलीमीटर, कारवार में 94.4 मिलीमीटर और मंगलुरु में 97.8 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
तटीय आंध्र प्रदेश और उत्तरी तटीय तमिलनाडु में कुछ स्थानों पर भी मॉनसून सक्रिय है। इन भागों में कुछ स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई। विजयवाड़ा में 51 मिलीमीटर, कलिंगपट्टनम में 24 मिलीमीटर जबकि मछिलीपट्टनम में 21 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। प्रायद्वीपीय भारत के शेष हिस्सों में बारिश में कमी बनी रही। बंगलुरु में 3 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
पूर्वोत्तर राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, सिक्किम और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर अच्छी वर्षा जारी रही। चेरापुंजी में 157.6 मिलीमीटर जबकि पासीघाट में 117 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। शेष पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ जगहों पर मध्यम वर्षा देखने को मिली।
अगले 24 घंटों का संभावित मॉनसूनी प्रदर्शन
अगले 24 घंटों के दौरान तटवर्ती कर्नाटक, कोंकण-गोवा क्षेत्र, तटीय आंध्र प्रदेश, उत्तरी तटीय तमिलनाडु, उत्तरी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत, उत्तर प्रदेश के तराई वाले भागों, बिहार और उत्तराखंड में मॉनसून सक्रिय रहेगा। इन सभी स्थानों पर अधिकांश इलाके ऐसे होंगे जहां मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। कहीं-कहीं मूसलाधार वर्षा भी संभव है।
इस बीच प्रायद्वीपीय भारत के आंतरिक हिस्सों और मध्य भारत में मॉनसून का सामान्य प्रदर्शन देखने को मिलेगा। इन भागों में कुछ स्थानों पर गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
अपडेट : 19 जून, 2016 12:35 PM (IST) अधिकतर भागों में मॉनसून सामान्य, पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में अच्छी मॉनसूनी वर्षा
दक्षिण पश्चिम मॉनसून आगे बढ़ते हुए भुवनेश्वर में पहुँच गया है। विदर्भ के कुछ हिस्सों, समूचे आंध्र प्रदेश और झारखंड तथा बिहार के कई भागों में भी मॉनसून का आगमन हो चुका है। बारिश बीते 24 घंटों के दौरान कुछ कम हुई है जबकि 17 जून को मॉनसून वाले क्षेत्रों में कई जगहों पर भारी वर्षा दर्ज की गई थी।
पश्चिमी तटों पर मॉनसून सामान्य बना हुआ है। कर्नाटक और केरल के कई भागों में हल्की से मध्यम वर्षा रिकॉर्ड की गई। शनिवार की सुबह 8:30 बजे से बीते 24 घंटों के दौरान होनावर में 35 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। मंगलुरु में 23.4 मिमी और कारवार में 16.3 मिमी बारिश हुई।
पूर्वोत्तर राज्यों में सक्रिय मॉनसून के चलते कई जगहों पर अच्छी वर्षा की गतिविधियां शनिवार को भी जारी रहीं। विशेष बारिश मेघालय, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में देखने को मिली। विगत 24 घंटों के दौरान ईटानगर में 44.4 मिमी, पासीघाट में 36.9 मिमी, चेरापुंजी में 52 मिमी और गंगटोक में 22.2 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
अपडेट : 16 जून, 2016 11:55 AM (IST) तटीय कर्नाटक में दक्षिण पश्चिम मॉनसून सक्रिय
एक दिन की सुस्ती के बाद पश्चिमी तटों पर, विशेषकर तटीय कर्नाटक के पास मॉनसून फिर से सक्रिय हो गया है। मॉनसूनी हवाओं में सक्रियता आने से पश्चिमी तटों पर कहीं-कहीं बीते 24 घंटों के दौरान अच्छी वर्षा देखने को मिली है। कारवार में इस दौरान 66 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। तटवर्ती केरल में कुछ स्थानों पर अच्छी बारिश हुई है। कोझिकोड़ में बुधवार की सुबह 8:30 बजे से बीते 24 घंटों के दौरान 29 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
वर्तमान मौसमी परिदृश्य के अनुसार केरल के शेष भागों सहित आंतरिक प्रायद्वीपीय भारत में मॉनसून अपेक्षाकृत कमजोर ही रहेगा और बारिश में कमी बनी रहेगी।
दूसरी तरफ पूर्वोत्तर भारत के कई भागों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सक्रिय है। इसके चलते असम और मेघालय के कई भागों में अच्छी बारिश जारी रही। धुबरी में 79 मिलीमीटर वर्षा हुई। उत्तरी लखीमपुर में 22 मिमी वर्षा दर्ज की गई। पूर्वोत्तर भारत के शेष भागों में दक्षिण पश्चिम मॉनसून सामान्य बारिश दे रहा है।
अपडेट : 15 जून, 2016 12:25 PM (IST) मॉनसूनी हवाओं में सुस्ती से पश्चिमी तटों पर बारिश में कमी
पश्चिमी तटों पर मॉनसूनी हवाएँ कमजोर पड़ गई हैं जिसके चलते बीते 24 घंटों के दौरान पश्चिमी तटों पर बारिश में व्यापक रूप में कमी आई है। स्काइमेट के अनुसार बारिश में इस कमी के पीछे पश्चिमी तटों पर केरल से कोंकण गोवा क्षेत्र तक बनी ट्रफ का कमजोर होना है।
मॉनसूनी बारिश में कमी के कारण पश्चिमी तटों पर अधिकतम भागों में हल्की वर्षा दर्ज की गई जबकि मध्यम बारिश कुछ स्थानों पर देखने को मिली। मंगलवार की सुबह 8:30 बजे से बीते 24 घंटों में कोझिकोड़ में 23 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। हरनई में 14 मिमी, रत्नागिरी में 13 मिमी, कारवार में 3.5 मिमी और मंगलुरु में 1 मिमी वर्षा दर्ज की गई। स्काइमेट के अनुसार अगले कुछ दिनों तक मौसम इसी तरह बना रहेगा क्योंकि पश्चिमी तटों के पास मॉनसून को उकसाने वाला कोई मौसमी सिस्टम विकसित होता दिखाई नहीं दे रहा है।
दूसरी तरफ मॉनसून का पूर्वी सिरा अपेक्षाकृत अधिक सक्रिय है जिसके चलते पश्चिम बंगाल के हिमालय से सटे भागों और पश्चिमी असम में भारी वर्षा दर्ज की गई है। असम के धुबरी में बीते 24 घंटों के दौरान 185 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। सिक्किम सहित पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में सामान्य मॉनसूनी बारिश की गतिविधियां जारी रहीं और अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हुई।
दक्षिण पश्चिम मॉनसून आगे बढ़ते हुए अंततः पूर्वोत्तर राज्यों में पहुँच गया। पश्चिम बंगाल के भी कुछ हिस्सों में मॉनसून का आगमन हो गया है। मॉनसून का पूर्वी सिरा इस समय उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के पास है जबकि पश्चिमी सिरा कर्नाटक के कारवार के आसपास बना हुआ है।
सक्रिय मॉनसून के चलते पश्चिमी तटों पर अच्छी वर्षा जारी रहेगी
मॉनसून पश्चिमी तटों विशेषकर मंगलुरु से रत्नागिरी के बीच सक्रिय बना हुआ है। इसके चलते पश्चिमी तटीय भागों में अच्छी वर्षा जारी रहने की संभावना है। सोमवार की सुबह 8:30 बजे से बीते 24 घंटों के दौरान रत्नागिरी में102 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है। पणजी में 105.3 मिमी, कारवार में 74 मिमी, होनावर में 52 और मंगलुरु में 27 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।
प्रायद्वीपीय भारत के शेष भागों में मॉनसून सामान्य बना हुआ है। केरल सहित दक्षिण भारत के शेष हिस्सों में सामान्य मॉनसून के बीच हल्की से मध्यम बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। आंतरिक कर्नाटक में भी मध्यम वर्षा दर्ज की जा रही है। बंगलुरु में 16 मिलिमीटर बारिश हुई जबकि अनंतपुर में 1 मिमी, कोझिकोड़ में 2 मिमी और तिरुवनंतपुरम में 1 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश की तीव्रता बढ़ गई है। इन भागों में बारिश बढ़ने के साथ ही मौसम मॉनसून को आकर्षित करने के लिए अनुकूल बना हुआ है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून जल्द ही पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में दस्तक दे सकता है।
शेष भागों की बात करें तो पूर्वोत्तर और पूर्वी राज्यों में आगे बढ़ते हुए उत्तर प्रदेश में 18-20 जून के बीच मॉनसून के आगमन का अनुमान है । मुंबई में लोग मॉनसून की प्रतीक्षा कर रहे हैं और यह 17-18 जून को मायानगरी में पहुँच सकता है। छत्तीसगढ़ को भिगोते हुए मॉनसून 23 जून तक मध्य प्रदेश में भी दस्तक दे सकता है।
Image Credit: Zeenews
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