पंजाब में इस मॉनसून सीज़न में अब तक सामान्य से 15 फीसदी कम वर्षा हुई है। पंजाब के तराई क्षेत्रों को छोड़कर बाकी के दक्षिणी जिलों में मॉनसून का प्रदर्शन सामान्य से कम रहा है। राज्य के कुल 20 जिलों में से 6 ऐसे हैं जहां सामान्य से कम बारिश देखने को मिली जबकि दो राज्यों में सूखे जैसे हालात रहे। पंजाब देश के उन राज्यों में से है जहां मॉनसून सीज़न में सबसे कम बारिश होती है।
दूसरी ओर 10 जिलों में अब तक सामान्य के आसपास वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इसमें महज़ दो ही ज़िले ऐसे हैं जहां सामान्य के दायरे में बारिश हुई है लेकिन बाकी के आठ जिलों में अगर जल्द अच्छी बारिश नहीं होती है तो यह ज़िले जल्द ही सामान्य बारिश वाले जिलों के दायरे से बाहर हो जाएंगे। हालांकि रूपनगर और बरनाला जिलों में सामान्य से अधिक बारिश देखने को मिली है।
सभी 20 जिलों के आंकड़े यह बताते हैं कि राज्य में अधिकांश स्थानों पर कमजोर मॉनसून के कारण सूखे जैसे हालात हैं। हालांकि कृषि प्रधान राज्य होने के बावजूद पंजाब सिंचाई के लिए वर्षा के पानी पर आश्रित नहीं रहता है। इसलिए कह सकते हैं कि खरीफ़ फसलों पर बारिश में इस कमी का व्यापक तौर पर बुरा असर देखने को नहीं मिलेगा। पंजाब में
बारिश की संभावना
इस बीच पंजाब प्रांत के उत्तरी शहरों में बारिश होने की संभावना है। इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के पास पहुँचने वाला है, जो पंजाब के मौसम को भी प्रभावित करेगा।
इसके चलते हमारा अनुमान है कि राज्य के उन पश्चिमी जिलों में भी बारिश दर्ज की जाएगी जो लंबे समय से सूखे मौसम का सामना कर रहे हैं। राज्य में 14 और 15 सितंबर को बारिश की उम्मीद है।
पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, कपूरथला, जालंधर, नवाशहर, रूपनगर और होशियारपुर में हल्की से मध्यम वर्षा की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। जबकि फरीदकोट, मोगा, भटिंडा, मुक्तसर, फाजिल्का, मनसा, बरनाला और संगरूर सहित दक्षिणी भागों में मौसम सूखा रहेगा। पंजाब के लगभग सभी भागों में 15 सितंबर से मौसम शांत हो जाएगा और उसके बाद जल्द बारिश की उम्मीद नहीं है क्योंकि जल्द ही पंजाब से मॉनसून की विदाई होने की संभावना है।
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