देश के बाकी हिस्सों की तरह ही पश्चिम बंगाल में भी मार्च में प्री-मॉनसून की गतिविधियां शुरू हो जाती हैं। इस दौरान पश्चिमी हिमालयीभागों से आने वाले ज्यादातर मौसमी सिस्टम पूर्वी दिशा की ओर बढ़ते हैं, जिससे बंगाल सहित पूर्वी भारत के क्षेत्र प्रभावित होते हैं। इस दौरान यह क्षेत्र आकाशीय बिजली और गर्जना जैसी गतिविधियों से भी प्रभावित रहता है।
पिछले साल की तुलना में इस साल भी मार्च महीने में पश्चिम बंगाल के दोनों भागों यानि गंगीय पश्चिम बंगाल और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में गरज के साथ बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। अब तक हुई बारिश के आंकड़े देखें तो 25 मार्च तक, पश्चिम बंगाल सामान्य से 73 प्रतिशत अधिक बारिश रिकॉर्ड की गईहै।हालांकि, पिछले दो-तीन दिनों से, राजधानी कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल के ज़्यादातर हिस्सों में मौसम शुष्क बना हुआ हैऔर तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है।
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इस समय दक्षिण असम और इससे सटे मेघालय पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल सहित पूर्वी बिहार और झारखंड होते हुए छत्तीसगढ़ तक एक ट्रफ रेखा सक्रिय है। इन मौसमी सिस्टमों को देखते हुए, स्काईमेट का अनुमान है कि पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में आज यानी 26 मार्च को गरज के साथ बारिश हो सकती है। राज्य में बारिश धीरे-धीरे बढ़ेगी। कुछ भागों में बादलों की गर्जना होने और बिजली गिरने की भी संभावना है।
अगले 12 घंटों के दौरान उत्तरी बंगाल के अलीपुरद्वार, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, कलिम्पोंग और कूच बिहार में तेज़ हवाओं और गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। दूसरी ओर कोलकाता, मिदनापुर, डायमंड हार्बर, दीघा, कूच बिहार, मालदा, बांकुरा और बर्दवान में भी अगले 24 से 48 घंटों के दौरानगरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं।
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