श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा की होली देखने देश भर से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी सैलानियों की भीड़ उमड़ती है। जहां देश के दूसरे हिस्सों में रंगों से होली खेली जाती है वहीं सिर्फ मथुरा एक ऐसी जगह है जहां रंगों के अलावा लड्डूओं और फूलों से भी होली खेलने की परंपरा है। इतना ही नहीं, मथुरा में एक हफ्ते पहले से ही होली का उत्सव शुरु हो जाता है।
मथुरा-वृन्दावन में होली एक बड़ा पर्व है और रंगों के इस त्यौहार के दौरान भारत के कोने-कोने से लोग यहाँ आते हैं। राधा और कृष्ण से जुड़ी हुई होली की कहानियों को लोग फिर से जीते हैं। एक सप्ताह तक चलने वाली होली समारोह 14 मार्च से शुरू हो जाती है और हर बड़े मंदिर में, जैसे बांकेबिहारी मंदिर, नंदगांव, गोकुल और बरसाना में अलग- अलग दिन मनाई जाती है।
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स्काईमेट के अनुसार, होली के दिन यानि 21 मार्च को मथुरा का मौसम शुष्क और साफ़ बने रहने की संभावना है। हालांकि ,पुरे दिन आसमान में बादल छाये रहेंगे।
अभी हो रही हल्की बारिश के कारण मथुरा में दिन का तापमान 25 डिग्री के पास बना हुआ है। 17-18 मार्च से यहां के तापमान में बढ़ोतरी दिखने लगेंगे और होली के दिन तक यह तापमान बढ़कर 30-31 डिग्री के आसपास पहुंचने की संभावना है।
तापमान में बढ़ोतरी के कारण होली के दिन मथुरा में दिन का मौसम गर्म रहने के आसार हैं। हालांकि सुबह के समय में हल्की सर्दी बानी रहेगी। वहीं, इस दौरान रात और सुबह का तापमान 16 डिग्री के आसपास बने रहने की उम्मीद है।
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अगर आप होली में कहीं बाहर जाने का प्लान कर रहे हैं तो हो मथुरा आपके लिए बेस्ट रहेगा। यहां खासतौर से ऐसे 5 इवेंट्स होते हैं जिन्हें मथुरा, वृंदावन आकर बिल्कुल भी मिस न करें। पहला बरसाना की लट्ठमार होली, दूसरा नंदगांव की लट्ठमार होली, तीसरा कोसी का होलिका दहन, चौथा बांके-बिहारी की रंगों वाली होली, पांचवा दाऊजी मंदिर की होली।
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