दिल्ली वालों को इस साल काफी लंबे समय के लिए चिलचिलाती धूप, गर्मी और उमस के साथ असहज मौसम का सामना करना पड़ा है। साथ ही, प्री-मॉनसून गतिविधियां भी बहुत कम यानि ना के बराबर हुई हैं, जिससे कोई लंबी राहत भी देखने को नहीं मिली। बता दें कि, प्री-मॉनसून सीजन (मार्च-मई) के दौरान दिल्ली में बारिश में 38 प्रतिशत की कमी रही।
दिल्ली में मॉनसून जून के आखिर में आता है लेकिन इससे पहले प्री-मॉनसून वर्षा की गतिविधियां बढ़ जाती हैं, जिससे मौसम आरामदायक हो जाता है लेकिन इस साल जून ख़त्म होने के करीब है और दिल्ली में बारिश का प्रदर्शन अब तक बेहद निराशाजनक रहा है। दिल्ली में सामान्यतः 27 जून तक 47.2 प्रतिशत बारिश होती है लेकिन इस साल महज़ 6.3 प्रतिशत बारिश हुई है, जो सामान्य से 87 प्रतिशत कम है।
वैसे तो, दिल्ली में मॉनसून के आगमन की सामान्य तिथि 29 जून है लेकिन, केरल में मॉनसून के देरी से आगमन और अब तक इसकी सुस्त प्रगति के कारण दिल्ली में मॉनसून के आने में एक सप्ताह की देरी के आसार हैं।
अगर दिल्ली में पिछले 10 साल के मॉनसून के आने की तिथियों पर नज़र डालें, तो पिछले 10 सालों में 5 बार ऐसा हुआ है जब मॉनसून यहां देर से पहुंचा। वहीं, साल 2011 और 2012 में इसके आगमन में सबसे ज्यादा देरी हुई थी। इस साल यानि 2019 में भी राजधानी दिल्ली में मॉनसून के आने में देरी के ही संकेत मिल रहे हैं।
दिल्ली में पिछले 10 साल के मॉनसून के आने की तिथियों पर एक नज़र:
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में इस साल यानि 2019 में भी मॉनसून के लगभग एक सप्ताह की देरी से पहुंचने के अनुमान हैं।
दिल्ली में मॉनसून के आने में देरी के कारण निम्न हैं :
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