[Hindi] सरकार ने शुरू की किसान परियोजना; ओलावृष्टि से फसल नुकसान आकलन के लिए एप

October 11, 2015 2:55 PM | Skymet Weather Team

किसानों के लिए बड़ी राहत के तौर पर भारत सरकार ने 5 अक्तूबर 2015 को किसान परियोजना की शुरुआत की, जिसका मकसद फसल नुकसान के दावों का शीघ्र निपटान किया जाना है। राज्यों के कृषि विभाग के अधिकारी सैटेलाइट के साथ ड्रोन कैमरों, उच्च क्षमता वाले मॉडल और अन्य तकनीकि के इस्तेमाल से बेहतर रिजोल्यूशन डाटा प्राप्त कर सकेंगे।

इससे ना सिर्फ समयबद्ध निष्कर्ष निकाला जा सकेगा बल्कि इससे फसल कटाई प्रयोगों के जरिये फसलों की उत्पादकता का सही अनुमान लगया जा सकेगा।कृषि मंत्रालय ने इसमें एक और बेहतर उपाय करते हुये एंडरॉयाड एप शुरू किया है, जिससे ओलावृष्टि से बड़े पैमाने पर खड़ी फसलों के नुकसान का आंकलन लगाया जाएगा।

कार्यक्रम की घोषणा किए जाने के मौके पर कृषि राज्य मंत्री संजीव बलियान ने बताया कि इससे जुड़ा प्रारम्भिक प्रयोग वर्तमान खरीफ सीजन में धान और कपास की फसलों पर देश के अलग-अलग हिस्सों में 4 जिलों में किया गया। कर्नाटक के शिमोगा, महाराष्ट्र के यवतमाल, हरियाणा के कुरुक्षेत्र और मध्य प्रदेश के सिवनी जिलों में किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि यह अध्ययन इन्हीं चारों जिलों में रबी फसल के दौरान भी किया जाएगा। रबी सीजन में यह प्रयोग धान, गेहूं और बाजरा की फसलों पर किया जाएगा। दोनों ऋतुओं में अध्ययन के निष्कर्ष के बाद सरकार इस योजना का विस्तार करेगी।

द इकोनोमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक ब्लॉक स्तर पर फसल उत्पादकता आंकलन और रिमोट सेन्सिंग डाटा के उपयोग से सूचकांक आधारित नई फसल बीमा का विकास किए जाने की भी परिकल्पना है।

इस कार्यक्रम के लिए महालनोबिस राष्ट्रीय फसल अनुमान केंद्र, भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान केंद्र, भारतीय मौसम विभाग, राज्यों के कृषि विभाग और रिमोट सेन्सिंग केंद्र, जलवायु परिवर्तन तथा कृषि और खाद्य सुरक्षा जैसे देश के जाने माने संस्थान एक साथ आए हैं।

ओलावृष्टि से फसल नुकसान आकलन एप

सरकार ने भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ मिलकर एक एप विकसित किया है, जिसे स्मार्टफोन के ज़रिये इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके माध्यम से अधिकारी प्रभावित स्थानों की तस्वीरों के साथ-साथ ओलावृष्टि के आंकड़े इकठ्ठा करने में सक्षम होंगे। यह आंकड़े उसी समय इसरो के भुवन नाम के एक सरवर पर अपलोड हो जाएंगे।

इसमें सबसे खास बात यह है कि किसान भी यह एंडरॉयाड एप्लीकेशन अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सकते हैं और स्वयं ही ओलावृष्टि की तस्वीर खींच कर अपलोड कर सकते हैं।

भारत में हर वर्ष किसानों को मौसम के चलते फसलों के व्यापक नुकसान की मार झेलनी पड़ती है। जबकि उन्हें उनके उनके नुकसान की भरपाई समय रहते नहीं हो पाती। इसका दुष्परिणाम यह होता है कि कई किसान मजबूर होकर आत्महत्या जैसे घोर निराशाजनक कदम उठा लेते हैं। सरकार द्वारा शुरू किया जा रहा यह कार्यक्रम समय की आवश्यकता है, साथ ही इससे किसानों का जीवन बचाने में मदद मिलेगी।

 

 

 

 

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