[Hindi] मॉनसून की अच्छी शुरुआत से खरीफ फसलों की बुआई में तेज़ी, मुंबई को मॉनसून ने जून में किया निराश- जतिन सिंह, एमडी, स्काइमेट

June 29, 2020 1:34 PM | Skymet Weather Team

साल 2020 में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने तेज़ रफ्तार पकड़ी और सामान्य समय से 15 दिन पहले ही पूरे देश में पहुँच गया। अब तक देश में सामान्य से 20% अधिक वर्षा हुई है। मध्य, पूर्वी, उत्तर और दक्षिण भारत यानि सभी क्षेत्रों में सामान्य से ज़्यादा मॉनसून वर्षा दर्ज की गई है। आने वाले दिनों में बारिश की संभावना के चलते अनुमान है कि जून की विदाई सामान्य से 22% अधिक वर्षा के साथ होगी।

मॉनसून के समय पर शुरू होने और पूरे देश में समय से पहले पहुँचने के चलते किसानों में प्रसन्नता है। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में खेतों में पर्याप्त मॉनसून वर्षा हो चुकी है जिससे खरीफ फसलों की बुआई तेज़ी से शुरू हो गई है। उम्मीद है कि देश में इस साल लक्ष्य से अधिक खरीफ फसलों की बुआई हो सकती है। इसका श्रेय मॉनसून की अच्छी शुरुआत को भी दिया जा सकता है। अब तक सभी खरीफ फसलों की जितनी बुआई हुई है वह पिछले साल इस समय तक हुई बुआई का लगभग दोगुना है। खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान की रोपाई और बुआई भी पिछले वर्ष की तुलना में काफी अधिक हो चुकी है।

इस बीच टिड्डियों का ताज़ा हमला पाकिस्तान की तरफ से फिर शुरू हो गया है। टिड्डियों का दल राजस्थान से आगे बढ़ते हुए दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर चुका है। इन भागों विशाल संख्या में टिड्डियों का झुंड लंबे-चौड़े बादलों की तरह देखा गया है। सरकार ने टिड्डियों के खात्मे के लिए सरकार ने ड्रोन सहित अन्य उपायों को भी बढ़ा दिया है। इस समय जो झुंड आगे बढ़ रहा है उसमें गुलाबी रंग के अपरिपक्व वयस्क टिड्डे हैं। इन्हें सबसे अधिक खतरनाक माना जाता है क्योंकि यह कीटनाशक के छिड़काव से भी तेजी से बच निकलते हैं। टिड्डों के तीन महीनों की उम्र में यह सबसे फुर्तीली अवस्था होती है। सभी उपाय अपनाने के बावजूद, टिड्डों के आधे से अधिक झुंड आगे बढ़ता जा है जिसे खरीफ फसलों के लिए बड़ा खतरा माना जा सकता है।

सरकार ने टिड्डियों के नियंत्रण के लिए भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों का उपयोग करने का निर्णय लिया है। वर्तमान हमले को विफल करने में अगले 15 दिन अहम हो सकते हैं। साथ ही, प्रजनन के मौसम के बाद जुलाई और अगस्त में इन झुंडों के उत्तर-पश्चिम भारत में लौटाने का खतरा बना हुआ है।

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून इस सप्ताह उत्तर-पश्चिम भारत और दक्षिण प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों को छोड़कर बाकी भागों में समान रूप से बारिश दे सकता है। दूसरी पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी रहेगी।

उत्तर भारत

उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में अब तक मॉनसून कमजोर रहा है और सामान्य से कम बारिश हुई है। इस सप्ताह के दौरान भी बारिश में कमी रहने की संभावना है। हालांकि 4 और 5 जुलाई को उत्तर भारत के पहाड़ों पर मध्यम बारिश होने की संभावना है। इस साल के मॉनसून सीजन में उत्तर प्रदेश में व्यापक वर्षा हुई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश पश्चिमी क्षेत्रों की तुलना में अधिक बारिश वाला क्षेत्र रहा है। दिल्ली, पूर्वी राजस्थान के साथ पंजाब, हरियाणा के कुछ हिस्सों में 3, 4 और 5 जुलाई को कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है।। बाकी दिनों मॉनसून की कमजोर स्थिति की संभावना है।

पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत

पूर्वी भारत में पिछले सप्ताह के दौरान मॉनसून का आगरा रूप देखने को मिला। इस दौरान बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मूसलाधार बारिश के साथ बिजली गिरने के कारण कई लोगों की मौत हो गई। इस सप्ताह भी मौसम की खराब स्थिति बनी रहेगी। इस सप्ताह भी 1 से 3 जुलाई के बीच बिहार और आसपास के इलाकों में फिर से बिजली गिरने की आशंका है। सिक्किम, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय में सप्ताह के दौरान भारी बारिश होगी, जबकि पूर्वोत्तर भारत के बाकी हिस्सों में सामान्य मॉनसून के साथ मध्यम बारिश जारी रहेगी।

मध्य भारत

जून में अब तक मध्य भारत के अधिकांश क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई। हालांकि गुजरात में मॉनसून व्यापक रूप में सक्रिय नहीं रहा जिससे गुजरात में सामान्य बारिश ही हुई। यह सप्ताह मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई स्थानों के लिए काफी बारिश वाला सप्ताह होगा। दोनों राज्यों में कई जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना है। दूसरी ओर गुजरात से लेकर ओडिशा और छत्तीसगढ़ में 29 जून से 3 जुलाई के बीच मॉनसून कमजोर रहेगा। इस सप्ताह मुंबई समेत कोंकण गोवा क्षेत्र को अच्छी बारिश मिलने वाली है। खासतौर पर 3 से 5 जुलाई के बीच इन भागों पर मॉनसून मेहरबान होगा और भारी बारिश हो सकती है।

दक्षिण प्रायद्वीप

सप्ताह के शुरुआती समय में तेलंगाना और कर्नाटक में अच्छी बारिश होने की संभावना है। केरल राज्य में मध्यम बारिश के आसार हैं। दूसरी ओर इस सप्ताह तमिलनाडु और रायलसीमा में मॉनसून की हलचल सबसे कम होने की उम्मीद है। इन भागों में महज़ हल्की बारिश से ही संतोष करना पड़ेगा। तटीय आंध्र प्रदेश में मॉनसून की अच्छी बारिश होगी, विशेष रूप से इसके दक्षिणी भागों में।

दिल्ली एनसीआर

दिल्ली में दक्षिण पश्चिम मॉनसून निर्धारित समय से 3 दिन पहले 24 जून को पहुंच गया था। इस सप्ताह की शुरुआत दिल्ली में बारिश के साथ होने की संभावना है। अनुमान है कि 29 और 30 जून को हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। उसके बाद बारिश की वापसी 3 जुलाई को होगी और 3 से 5 जुलाई के बीच दिल्ली-एनसीआर में अच्छी मॉनसूनी फुहारें भिगो सकती हैं।

चेन्नई

चेन्नईमें सप्ताह के शुरुआती दो दिनों के दौरान यानि 29 और 30 जून को हल्की बारिश हो सकती है। शेष दिनों में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। दिन और रात का तापमान क्रमशः 36 डिग्री और 26 डिग्री के आसपास रहेगा।

Image credit: India TV

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