पंजाब और हरियाणा में कई दिनों से मौसम शुष्क बना हुआ है। राज्य के दक्षिणी भागों में कई जगहों पर तापमान 40 डिग्री से भी ऊपर रिकॉर्ड किया जा रहा है जिसके चलते लू का प्रकोप देखने को मिल रहा है। पिछला एक सप्ताह दोनों राज्यों में मुख्यतः शुष्क बीटा है। पंजाब में लगभग सभी जगहों पर शुष्क मौसम रहा जबकि हरियाणा के अधिकांश इलाकों में शुष्क मौसम बना रहा। हमारा अनुमान है कि यही स्थितियाँ दोनों राज्यों में 22 जून तक बनी रह सकती हैं।
बारिश में कमी बाद भी बुआई ने पकड़ी रफ्तार
पंजाब और हरियाणा भारत के कृषि प्रधान राज्यों में सर्वप्रमुख हैं। इन दोनों राज्यों में खरीफ सीजन में व्यापक तौर पर खेती होती है और धान की अच्छी पैदावार दोनों राज्यों में देखने को मिलती है। साल 2020 में मॉनसून का प्रदर्शन अब तक अच्छा रहा है और कुछ इलाकों में प्री-मॉनसून वर्षा भी अच्छी हो रही है। लेकिन मजदूरों की कमी बुवाई के काम में एक चिंता का विषय है। मजदूरों की कमी के बावजूद धान की बुवाई और रोपाई अपनी पूरी रफ्तार पर है, जिससे इस बार बंपर पैदावार होने की संभावना नजर आ रही है।
हम सभी जानते हैं कि धान की फसल मुख्यतया पानी पर निर्भर करती है और भारत में धान की खेती तब अच्छी होती है जब अच्छी बारिश होती है। बुवाई के समय भी प्री-मॉनसून वर्षा काफी कारगर होती है। हालांकि इस समय बारिश नहीं हो रही है जिससे किसानों को अपने बैकअप प्लान के सहारे ही बुआई का काम आगे बढ़ाना पड़ रहा है।
पंजाब और हरियाणा में पिछले 2 सप्ताह का तुलनात्मक प्रदर्शन देखें तो 1 सप्ताह जहां सामान्य से बहुत अधिक वर्षा हुई वहीं दूसरे सप्ताह में किसानों और आम लोगों को निराशा हाथ लगी। हालांकि दोनों राज्य जून के पहले पखवाड़े में सरप्लस हैं। 15 दिनों में सामान्य से अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
उत्तर भारत के इन दोनों मैदानी राज्यों के लिए अगला एक सप्ताह भी बहुत अच्छा जाने वाला नहीं है। अधिकांश इलाकों में तापमान 40 डिग्री से ऊपर रहेगा। लू जैसे हालात बने रहेंगे। हालांकि 19 और 20 जून को पंजाब और हरियाणा के तराई वाले क्षेत्रों में धूल भरी आंधी और बादलों की गर्जना के साथ छिटपुट वर्षा की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
24 जून से बदलेगा मौसम, होगी भारी बारिश
एक सप्ताह की गर्मी और उमसे के बाद 24 जून से इन राज्यों में मौसम बदलेगा। इस दौरान एक प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों पर पहुंचेगा और पंजाब तथा इससे सटे उत्तरी राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित होगा। इन दोनों सिस्टमों के संयुक्त प्रभाव से हम उम्मीद कर सकते हैं कि 24 से 26 जून के बीच पंजाब और हरियाणा में व्यापक वर्षा होगी। यही वह समय होगा जब इन दोनों राज्यों में कुछ स्थानों पर मॉनसून भी दस्तक दे सकता है।
Image credit: The Indian Express
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।