Skymet weather

[Hindi] मॉनसून रहा कमजोर; 2.8% कम हो सकता है खरीफ उत्पादन

September 26, 2017 6:57 PM |

Paddy production in Indiaकमजोर मॉनसून के चलते देश में इस वर्ष खरीफ उत्पादन में 2.8 फीसदी की कमी आने की संभावना है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने खरीफ फसलों के उत्पादन का अपना पहला अग्रिम अनुमान 25 सितंबर को जारी किया। इसमें 2017-18 में 134.67 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान जताया गया है जो गत वर्ष के चौथे अग्रिम अनुमान से 2.8 प्रतिशत कम है। मॉनसून की असंतुलित चाल को खरीफ उत्पादन में कमी का कारण माना जा रहा है।

सरकार प्रतिवर्ष फसलों के उत्पादन का 5 चरणों में अनुमान जारी करती है। उत्पादन में इस गिरावट का अनुमान देश भर में असंतुलित मॉनसूनी बारिश के चलते लगाया गया है। वर्ष 2017 में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून का प्रदर्शन सामान्य से कम रहा है और कहीं बाढ़ ने फसलों को तबाह किया तो कहीं सूखे के चलते किसान परेशान रहे।

केरल से 1 जून को शुरू हुआ मॉनसून का चार महीने लंबा सफर अपने आखिरी चरण में पहुँच गया है। जून में देश के अधिकांश हिस्सों में अच्छी बारिश हुई जिसके चलते किसानों का हौसला बुलंद हुआ और खरीफ सीज़न में बुआई का दायरा बढ़ा। जुलाई में भी हालात बेहतर रहे और देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य मॉनसून वर्षा दर्ज की गई। लेकिन जैसा कि स्काइमेट ने आगाह किया था अगस्त में मॉनसून की चाल बदली और कुछ राज्यों में लंबे समय तक बारिश न होने से सूखे जैसे हालात रहे जबकि कुछ राज्यों में बाढ़ की विभीषिका रही। सितंबर ने सबसे अधिक निराश किया है।

[yuzo_related]

इस वर्ष असम, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों, ओड़ीशा, दक्षिणी छत्तीसगढ़, गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों में बाढ़ के चलते खरीफ फसलों को व्यापक रूप में नुकसान पहुंचा। जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र, पंजाब व हरियाणा में सामान्य से कम मॉनसून वर्षा के चलते बारिश पर निर्भर खेती चौपट हो गई है।

देश में 1 जून से 26 सितंबर तक सामान्य से 5 प्रतिशत कम 824.5 मिलीमीटर वर्षा हुई है। इस बीच सरकार ने यह भी कहा है कि जारी किए गए पहले अग्रिम अनुमान में सुधार हो सकता है क्योंकि अभी चार अग्रिम अनुमान आने बाकी हैं। लेकिन मॉनसून सीज़न के आधिकारिक रूप से खत्म होने में 4 दिन शेष रह गए हैं और इन चार दिनों के दौरान दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर देश के बाकी हिस्सों में ऐसा कोई सुधार नहीं होगा जिससे फसलों का उत्पादन बेहतर हो।

स्काइमेट ने अपने दीर्घावधि पूर्वानुमान (Long period average) में इस वर्ष सामान्य से 5 फीसदी कम 95 प्रतिशत बारिश का अनुमान जताया था और 1 जून से 26 सितंबर तक रिकॉर्ड की गई बारिश के आंकड़े स्काइमेट को शत-प्रतिशत सही साबित करते हैं। अब तक 824.5 मिलीमीटर बारिश हुई है जबकि अब तक औसतन 870 मिलीमीटर बारिश समूचे देश में होती है।

Image credit:

कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।

 

 






For accurate weather forecast and updates, download Skymet Weather (Android App | iOS App) App.

Other Latest Stories







latest news

Skymet weather

Download the Skymet App

Our app is available for download so give it a try