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[Hindi] कृषि मंत्री ने कहा मॉनसून में सुधार से खरीफ़ बुआई ने पकड़ी रफ़्तार | स्काइमेट को आशंका कि मॉनसून जल्द होगा कमजोर, फसलों की उत्पादकता होगी प्रभावित

August 11, 2019 1:57 PM |

Paddy sowing in 2019_NYDailyNews 1200

साल 2019 में मॉनसून की शुरुआत बहुत ही निराशाजनक हुई थी। स्काइमेट ने जैसा अनुमान लगाया था जून में सामान्य से 33% कम बारिश हुई थी। जुलाई में स्थिति सुधार और अगस्त में अब तक काफी अच्छी बारिश देश के कई इलाकों में देखने को मिली जिससे मंद पड़ी खेती की रफ़्तार बढ़ी है और किसानों ने राहत की सांस ली है।

देश के अधिकांश इलाकों में पिछले कई दिनों से हो रही अच्छी बारिश से साल 2019 की मॉनसून वर्षा में जो कमी रह गई थी उसमें सुधार देखने को मिला है। अब खरीफ सीज़न में बोई जाने वाली फसलों की बुआई का काम अच्छी रफ़्तार से आगे बढ़ रहा है। सरकार ने जानकारी दी है कि बुआई में सुधार हुआ है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को यह बात कही थी।

कृषि मंत्री ने मीडिया से कहा कि मॉनसून में आने में देरी हुई जिससे कुछ चिंता पैदा हो गई थी। अब बारिश की स्थिति में सुधार हुआ है। बारिश की कमी की काफी भरपाई हो गई है।" उन्होंने कहा, ''हमें उम्मीद है कि बारिश अच्छी होने से खरीफ फसलों के अंतर्गत बोए जाने वाले रकबे में जो कमी थी उसे पूरा कर लिया जाएगा। श्री तोमर ने कहा कि बुआई का काम अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है।

हालांकि बीते दिनों मॉनसून का कुछ राज्यों में उग्र प्रदर्शन भी देखने को मिला जिससे कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं। महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों में बाढ़ का ज़िक्र करते हुए पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है। धान और दलहन जैसी खरीफ फसलों की बुआई जून में मॉनसून के आरंभ के साथ शुरू होती है और कटाई का काम अक्टूबर से होता है।

कृषि मंत्रालय ने जारी किए बुआई के आंकड़े

भारत के कृषि मंत्रालय द्वारा जारी किए गए बुआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार खरीफ बुआई अब तक पीछे है। खरीफ की सभी फसलों की बुआई का कुल रकबा साल भर पहले जहां 918.70 लाख हेक्टेयर था वहीं इस साल अब 869.55 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ही बुआई हुई है।

फसल वर्ष 2019-20 के खरीफ सत्र में अब तक धान की बुआई का रकबा 265.20 लाख हेक्टेयर है। पिछले साल अब तक 304.18 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान बोया जा चुका था। दलहन बुआई के रकबे में सुधार हुआ है, लेकिन तिलहन का रकबा अभी भी कम है। हालांकि आने वाले दिनों में इस कमी की भरपाई हो जाएगी। आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष खरीफ सत्र में 115.39 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुआई की गई है। पिछले साल इसी अवधि में 121.39 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुआई हुई थी। तिलहन की बुआई 157.17 लाख हेक्टेयर में की गई है जो पिछले साल की समान अवधि में 162.52 लाख हेक्टेयर था।

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार में मोटे अनाज की बुआई 153.92 लाख हेक्टेयर में की गई है पिछले साल की समान अवधि में यह रकबा 162.52 लाख हेक्टेयर था। इसी तरह चालू खरीफ सीज़न में गन्ने की बुआई का रकबा 52.30 लाख हेक्टेयर है जो पिछले साल 55.45 लाख हेक्टेयर था।

स्काइमेट को जल्द मॉनसून के कमजोर होने की आशंका

मॉनसून की स्थिति में सुधार को देखते हुए कृषि मंत्रालय आशावान है कि बुआई में सुधार होगा लेकिन स्काइमेट को चिंता इस बात है कि आने वाले दिनों में मॉनसून कमजोर होगा जिससे फसलों की उत्पादकता प्रभावित हो सकती है। एक तरफ देर से बुआई और दूसरी ओर बारिश में कमी समूचे फसल उत्पादन पर असर डाल सकता है।

Image credit: NYDailyNews

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