केरल में लगातार हो रही भीषण बारिश और बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है। अधिकांश जिलों में मॉनसून ने लोगों के जीवन में तबाही मचा रखी है। केरल में आमतौर पर हर साल मॉनसून सीज़न में मध्यम से भारी बारिश होती रहती है। लेकिन इस वर्ष अगस्त महीने की शुरुआत से ही मॉनसून ने रौद्र रूप धारण किया है। भारी से अति भारी वर्षा के कारण राज्य के कई ज़िले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। अधिकांश हिस्सों भारी बारिश जारी है, जो अगले 24 से 48 घंटों तक बनी रहेगी। जिससे लोगों की परेशानी का जल्द अंत होता दिखाई नहीं दे रहा है।
मौसम विशेषज्ञों की नज़र में केरल पर मॉनसून का यह रौद्र रूप इसलिए देखने को मिल रहा है क्योंकि पिछले कई दिनों से अरब सागर के दक्षिण-पूर्वी भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र लगातार बना हुआ था। साथ ही बंगाल की खाड़ी में एक के बाद एक निम्न दबाव के क्षेत्र विकसित हो रहे, जो मध्य भारत से होकर गुज़र रहे थे। यह निम्न दबाव के क्षेत्र चक्रवाती सिस्टम के कारण अरब सागर से उठने वाली पश्चिमी हवाओं को तेज़ी से आकर्षित कर रहे थे।
यही कारण है कि पश्चिमी हवाएँ उग्र बनी हुई थीं और केरल इनका निशाना बनता रहा है। यह स्थिति अगस्त की शुरुआत से ही देखने को मिल रही है। इस समय भी मध्य भारत पर एक डिप्रेशन बना हुआ है जो क्रमशः पश्चिमी दिशा में बढ़ रहा है और कमजोर हो रहा है। अरब सागर पर बना चक्रवाती क्षेत्र भी कमजोर पड़ गया है। इसके चलते अगले 24 घंटों के बाद केरल में बारिश में कुछ कमी आने की संभावना है। जिससे उम्मीद कर सकते हैं कि राज्य में राहत और बचाव कार्यों में तेज़ी आएगी लेकिन मध्यम वर्षा अभी भी जारी रहेगी।
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इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन से फोन पर बात की और सभी संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। साथ श्री मोदी ने राज्य में राहत और बचाव कार्यों को और तेज़ करने के लिए रक्षामंत्री से सेना की तैनाती बढ़ाने का निर्देश दिया। कोची हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया है। साथ ही डैम में पानी के दबाव को कम करने के लिए राज्य के 39 में से लगभग 35 बाँधों को खोल दिया गया है।
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