उत्तर भारत के पहाड़ों पर बर्फबारी थम गई है। पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर से आगे निकल गया है। अगले कुछ दिनों तक पर्वतीय राज्यों में हिमपात रुकने से जन-जीवन पटरी पर लौटा है। हालांकि 26 नवंबर से एक नया पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के करीब पहुँच सकता है। यह अलग बात है कि आने वाला सिस्टम बहुत सक्रिय नहीं होगा जिससे विशेष हलचल के आसार फिलहाल कम हैं।
बर्फबारी बंद होने के बाद पहाड़ों से होकर चल रही उत्तर-पश्चिमी हवाओं के प्रभाव से जम्मू कश्मीर से लेकर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड तक शीतलहर शुरू हो गई है। अधिकतर स्थानों पर दिन और रात के तापमान में भारी गिरावट हुई है और यह सामान्य से नीचे पहुँच गया है। अगले 2-3 दिनों तक तीनों राज्यों में तापमान में गिरावट का क्रम इसी तरह से जारी रहने का अनुमान है।
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पर्यटन के लिहाज से इस सप्ताह की छुट्टियाँ खूबसूरत पहाड़ी वादियों पर बिताने के लिए मौसम अच्छा रहेगा। बर्फबारी देखने को नहीं मिलेगी लेकिन सर्दी बर्फ़ीला एहसास दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इसलिए अगर हिल स्टेशन के भ्रमण पर निकल रहे हैं तो गर्म कपड़े अच्छे से रख लें और कड़ाके की ठंड से बचने के पूरे उपाय करके निकलें। बर्फबारी बंद होने से पर्यटकों को आने जाने में किसी प्रकार का व्यवधान रास्ते पर नहीं होगा।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का आंकलन है कि 26 नवंबर के आसपास जम्मू कश्मीर के करीब पहुँचने वाला पश्चिमी विक्षोभ बहुत प्रभावी नहीं होगा। हालांकि इसके चलते कश्मीर और हिमाचल की ऊंची चोटियों पर हल्की वर्षा या बर्फबारी देखने को मिलेगी। साथ ही इसके प्रभाव से उत्तर-पश्चिमी हवा मद्धम होगी और तापमान में गिरावट भी थमेगी जिससे कड़ाके की ठंडक से कुछ समय के लिए राहत मिलेगी।
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बुधवार को सबसे ठंडे स्थानों का ज़िक्र करें तो लेह में न्यूनतम तापमान शून्य से 11 डिग्री नीचे रिकॉर्ड किया गया। गुलमर्ग में पारा 3 डिग्री गिरकर शून्य से 5 डिग्री नीचे पहुँच गया। श्रीनगर में भी तापमान शून्य से 2 डिग्री नीचे रहा। हिमाचल के केलोंग में शून्य से 7.5 डिग्री नीचे, कालपा में शून्य से 2 डिग्री नीचे तापमान रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा कटरा, मनाली, कुल्लू, धर्मशाला, शिमला, मसूरी, नैनीताल में भी सामान्य से नीचे तापमान रिकॉर्ड किया गया। अगले 3-4 दिनों तक सर्दी इसी तरह बनी रहेगी।
Image credit: Holidify
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