प्री-मॉनसून सीजन में देश के पूर्वी राज्यों में कालबैसाखी यानी नोर्वेस्टर का कहर देखने को मिलता है। मार्च-अप्रैल-मई में जब मौसम बिगड़ता है, अचानक और बादलों की तेज़ गर्जना के साथ बिजली गिरने, ओलावृष्टि होने और तूफानी रफ्तार से हवाएं चलने की आशंका से लोग भयभीत हो जाते हैं।
इस दौरान हवाओं की रफ्तार घुमड़ते बादलों के साथ कभी-कभी इतनी तेज हो जाती है कि ऐसा लगता है जैसे टोरनैडो आ गया है। यह तूफान बहुत अधिक समय नहीं रहता है लेकिन कुछ ही क्षण में यह तूफान अपने पीछे तबाही का बड़ा मंज़र छोड़ जाता है। कच्चे मकान ढह जाते हैं, सैकड़ों पेड़ जड़ से उखड़ जाते हैं, खंभे गिर पड़ते हैं और संचार व्यवस्था ठप हो जाती है।
यह कुछ ही क्षणों में समूचे क्षेत्र में सामान्य जनजीवन को व्यापक रूप में प्रभावित करता है। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल ऐसी मौसमी घटनाओं से मुख्य रूप से पीड़ित होते हैं। कालबैसाखी की यह आफ़त ज्यादातर अप्रैल और मई में देखने को मिलती है, जब पूर्वी भारत के राज्यों में व्यापक रूप में जान और माल का नुकसान होता है।
क्यों हो जाता है मौसम उग्र
प्री-मॉनसून सीजन में जब धरती की सतह गर्म हो रही होती हैं और बंगाल की खाड़ी से नमी व्यापक मात्रा में हवाओं के साथ पूर्वी भारत में पहुंचने लगती है उस समय गरज वाले बादल विकसित होते हैं। यह बादल धीरे-धीरे और विशाल आकार लेने लगते हैं और एक साथ क्षेत्र के कई इलाकों को प्रभावित करते हुए या यूं कहें कि कई इलाकों में तबाही मचाते हुए आगे निकल जाते हैं।
मार्च और अप्रैल में सामान्य से बारिश कितनी अधिक हुई है यह आंकड़े आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:
पूर्वी भारत के इन भागों में पिछले दिनों काफी व्यापक बारिश और आंधी तूफान तथा बिजली गिरने की घटनाएं हुई हैं। आफ़त बनने वाली इन घटनाओं का सिलसिला अभी खत्म नहीं हुआ है।
1 मई से काल बैसाखी की वापसी
इस बीच पिछले कुछ दिनों से बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में बारिश की गतिविधियों में कमी आई थी, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली थी। लेकिन मई के पहले सप्ताह में भी पूर्वी भारत के क्षेत्रों में प्री-मॉनसून गतिविधियां एक बार फिर से बढ़ेंगी। इस समय बिहार और आसपास के भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है जिसकी वजह से बंगाल की खाड़ी से व्यापक मात्रा में आर्द्र हवाएं पूर्वी भारत के राज्य में पहुंचने लगेंगी।
बढ़ती आर्द्र हवाओं के चलते 1 मई से यहां पर मौसम में व्यापक सक्रियता की उम्मीद है। धीरे-धीरे बारिश बढ़ती रहेगी और अनुमान है कि 1 मई से लेकर 8 मई तक कई जगहों पर हल्की से मध्यम जबकि कुछ स्थानों पर भीषण वर्षा, आंधी तूफान और बादलों की गर्जना और बिजली गिरने की घटनाएँ देखने को मिलेंगी।
Image credit: Ommcom News
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