बीते 24 घंटों के दौरान बिहार के उत्तर-पूर्वी जिलों तथा उससे सटे पश्चिम बंगाल के भागों में तेज़ गर्जना के साथ हल्की वर्षा की गतिविधियां देखने को मिलीं। इस दौरान आकाशीय बिजली कड़कने की भी घटनाएँ हुईं। अनुमान है कि इन भागों में अगले 24 घंटों तक मौसमी स्थितियाँ हलचल भरी ही बनी रहेंगी। बिहार के किशनगंज और भागलपुर तथा पश्चिम बंगाल के मालदा और आसपास के जिलों में यह मौसमी हलचल विशेषतौर पर देखने को मिल रही है।
गौरतलब है कि ग्रीष्म ऋतु में मार्च से मई के तीन महीनों की अवधि में पूर्वी भारत के इलाकों में भयानक मेघगर्जना, आकाशीय बिजली गिरना और तेज़ हवाओं का चलना आम मौसमी घटना है जिसे काल बैसाखी या नार्वेस्टर कहा जाता है। काल बैसाखी का प्रमुखता से प्रभाव बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओड़ीशा में देखने को मिलता है। इसमें छोटा नागपुर पठार क्षेत्र विशेषतौर पर काल बैसाखी से प्रभावित होता है। छोटा नागपुर में बिहार के कुछ इलाके, झारखंड के कई ज़िले, पश्चिम बंगाल और ओड़ीशा के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के भी कुछ इलाके आते हैं।
स्काइमेट के मौसम आंकलन के अनुसार इन भागों में अगले 24 घंटों के दौरान कुछ स्थानों पर गरज के साथ बौछारें दर्ज की जाएंगी। बिहार के उत्तर और पूर्वी हिस्सों में गर्जना और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना काफी अधिक है। इस कालखंड में आकाशीय बिजली से बिहार सबसे अधिक प्रभावित होता है। बिजली की चपेट में आने से कई लोगों की जान चली जाती है। इसलिए हमारा सुझाव है कि खराब मौसम की स्थितियों में घर से बाहर जाने से बचें और बचाव के उपायों का अनुसरण करें।
इस क्रम में उल्लेखनीय है कि हाल में 22 से 24 मार्च के बीच सम्पन्न हुए तीन दिवसीय बिहार दिवस के अवसर पर स्काइमेट ने आकाशीय बिजली से बचने के तौर तरीकों के बारे में लोगों को प्रशिक्षित किया। इसके लिए बिहार सरकार ने स्काइमेट की दक्षता को ध्यान में रखते हुए स्काइमेट को मेले में भाग लेने के लिए औपचारिक तौर पर आमंत्रित किया था। मेले में लगी स्काइमेट की स्टॉल पर पहुंचे बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री प्रोफेसर चन्द्रशेखर ने मौसम को समझने, इसके पूर्वानुमान और समय रहते मौसम संबंधी अलर्ट जारी करने के लिए स्काइमेट की प्रशंसा की।
Image credit: Hindu
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