जम्मू कश्मीर पर इस समय मौसम की मार जमकर पड़ रही है। मॉनसून की विदाई के बाद से उत्तर भारत के तीनों पर्वतीय राज्यों में जम्मू कश्मीर ही एक मात्र ऐसा राज्य है जहां सामान्य के आसपास यानि लगभग 100 प्रतिशत बारिश हुई थी। उसके बाद नए साल की शुरुआत में भी मौसम में बदलाव की आहट मिली और 4 जनवरी से 7 जनवरी के बीच राज्य के अधिकांश इलाकों में अच्छी बारिश और बर्फबारी दर्ज की गई। उसके बाद भी जम्मू कश्मीर में रुक-रुक कर हिमपात की खबरें आ रही हैं।
इससे जम्मू कश्मीर में कई जगहों पर हिमस्खलन और भूस्खलन होने की आशंका है। कई संपर्क मार्ग और हाईवे पहले से ही बंद हो गए हैं। दूर-दराज़ के इलाकों से संपर्क खत्म हो गया है, जिससे लोगों तक ज़रूरी सामानों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। तापमान में भारी गिरावट आई है अधिकांश इलाकों में भीषण शीतलहर चल रही है। आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट होने की संभावना है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के पास आ गया है जो 10 जनवरी से राज्य के मौसम को बदल देगा। इसके चलते 10 जनवरी की दोपहर या शाम से बारिश और हिमपात देखने को मिलेगा। गतिविधियां धीरे-धीरे ज़ोर पकड़ेंगी। अनुमान है कि 12 और 13 जनवरी को कुलगाम, पहलगाम, गुलमर्ग, लेह-लद्दाख, क़ाज़ीगुंड, बनिहाल, रामबन, श्रीनगर सहित ऊंचाई वाले अधिकांश इलाकों में अच्छी बर्फबारी होने के आसार हैं।
अनुमान है कि 14 जनवरी को थोड़ा ब्रेक मिलेगा लेकिन उसके बाद 15 और 16 जनवरी को फिर से एक पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ों पर आएगा और जम्मू कश्मीर में अच्छी बर्फबारी देखने को मिलेगी। कश्मीर 21 दिसम्बर से 31 जनवरी के बीच के मौसम को चिलई कलां कहा जाता है जब राज्य भीषण ठंड की चपेट में होती है। श्रीनगर की मशहूर डल झील बर्फ बन जाती है। इस समय चिलई कलां चरम पर है और आने वाले दिनों में भी राहत मिलने के आसार नहीं हैं।
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