उत्तर भारत में इस साल मार्च में काफी व्यापक बारिश देखने को मिली है। मार्च 2020 में सामान्य से अधिक संख्या में और ज्यादा सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के पास आए हैं जिसकी वजह से न सिर्फ पहाड़ों पर बल्कि मैदानी इलाकों में भी उम्मीद से अधिक बारिश होती रही है।
उत्तर भारत में बारिश के आंकड़े देखें तो 1 मार्च से 28 मार्च के बीच उत्तराखंड में सामान्य से 127 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। हिमाचल प्रदेश में 53 से ज्यादा बारिश हुई जबकि जम्मू-कश्मीर में 33% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई। पहाड़ों के अलावा मैदानी इलाकों में भी कई बार बारिश हुई जिसकी वजह से यहां भी बारिश का आंकड़ा सामान्य से ऊपर रहा है। हरियाणा में सामान्य से 512% ज्यादा, उत्तर प्रदेश में 485% अधिक, राजस्थान में 432, दिल्ली में 414 और पंजाब में 272% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई।
मार्च महीना देश में मौसम में बदलाव का महीना होता है, जब देश के तमाम हिस्सों में सर्दी कम हो जाती है, तापमान बढ़ने लगता है और गर्मी का मौसम शुरू हो जाता है ताकि फसलें पककर तैयार हो सकें और फसलों की कटाई-मड़ाई समय पर हो सके। लेकिन बीते कुछ वर्षों के आंकड़े बताते हैं कि मार्च महीने में लगातार देश भर में बारिश बढ़ती जा रही है।
इस साल मार्च में तीन बेहद सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ आए थे, जिसकी वजह से उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में उम्मीद से ज्यादा बारिश और बर्फबारी और मैदानी इलाकों में गरज के साथ वर्षा रिकॉर्ड की गई।
उत्तर भारत का मौसम पूर्वानुमान
इस समय पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक मौसम साफ और शुष्क है। 30 मार्च की दोपहर तक बारिश की संभावना नहीं है। लेकिन एक नया और सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ 30 मार्च को जम्मू कश्मीर पर आने वाला है, जो अभी उत्तरी अफगानिस्तान पर पहुंचा है। इस सिस्टम के चलते जम्मू कश्मीर में 30 मार्च की शाम से बारिश शुरू हो सकती है।
31 मार्च से 2 अप्रैल तक कश्मीर व हिमाचल में
बारिश की तीव्रता और इसका दायरा धीरे-धीरे बढ़ेगा। 31 मार्च को जम्मू कश्मीर के अलावा हिमाचल प्रदेश में भी कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। अनुमान है कि 2 अप्रैल तक यह स्पेल बना रहेगा और इस दौरान भी पहाड़ों पर कई जगह वर्षा होगी। ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होगी।
मैदानी क्षेत्रों में इसका ज्यादा असर नहीं दिखेगा लेकिन पंजाब और हरियाणा के उत्तरी क्षेत्रों में कहीं-कहीं पर गरज के साथ बौछारें गिर सकती हैं। जबकि दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में मौसम साफ और शुष्क रहेगा। पंजाब और हरियाणा के दक्षिणी जिलों में भी मौसम साफ और शुष्क रहने की संभावना है।
आगामी पश्चिमी विक्षोभ 3 अप्रैल तक उत्तर भारत के पहाड़ों से आगे चला जाएगा जिससे समूचे पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में मौसम एक बार फिर से साफ हो जाएगा और तापमान में वृद्धि का रुझान देखने को मिलेगा।
Image credit: Sun Post
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।