उत्तर भारत में इस समय मौसम शुष्क है। वर्तमान स्थितियों के आधार पर यह अनुमान है कि 19 फरवरी तक ना तो पहाड़ों पर कोई व्यापक वर्षा या हिमपात की संभावना है और ना ही मैदानी इलाकों में। हालांकि इस दौरान एक के बाद एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी राज्यों के पास से होकर गुजरेंगे जो हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड में एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश या बर्फबारी की गतिविधियां दे सकते हैं। लेकिन बड़ी राहत की बात उत्तराखंड के लिए है, जहां चमोली ज़िले में जारी राहत और बचाव कार्य में मौसम की तरफ से कम से कम 20 फरवरी तक बड़ी बाधा की आशंका नहीं है।
लेकिन राहत एजेंसियों को हम आगाह कर दें कि 20 फरवरी को एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में आएगा जिसके चलते न सिर्फ पर्वतीय राज्यों में बल्कि उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में भी कुछ स्थानों पर वर्षा की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। इस सिस्टम का प्रभाव सबसे पहले 20 फरवरी को जम्मू कश्मीर और गिलगित-बालटिस्तान, मुजफ्फराबाद और लद्दाख में दिखाई देगा उसके बाद 21 से 23 फरवरी के बीच पश्चिमी हिमालय राज्यों में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने की आशंका है।
इस दौरान कुछ स्थानों पर मध्यम से तेज बारिश या बर्फबारी से सामान्य जनजीवन भी प्रभावित हो सकता है। लेकिन आगामी बारिश का और बर्फबारी का ज़ोर मुख्यतः कश्मीर से लद्दाख तक रहेगा। नीचे के दोनों पर्वतीय राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में उसका भी असर कम ही दिखेगा। इसके बावजूद हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ शहरों में हल्की से मध्यम वर्षा और हिमपात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में 1 जनवरी से लेकर 15 फरवरी के बीच बारिश सामान्य से कम हुई है। इस दौरान लद्दाख में सूखे जैसे हालात रहे और 76% कम महज़ 4.6 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। जम्मू कश्मीर में 33% कम बारिश हुई है। लेकिन यहां पर बारिश का आंकड़ा 96.8 मिलीमीटर है। हिमाचल प्रदेश में भी 62% कम 52.2 मिलीमीटर बारिश हुई है जबकि उत्तराखंड में सामान्य से 45% कम 38.5 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है। आगामी बारिश में हम उम्मीद कर रहे हैं जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बारिश में कमी की भरपाई हो जाएगी। जबकि उत्तराखंड में इसमें कोई विशेष अंतर नहीं आएगा।
Image credit: J&K News
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