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पिंक सिटी के नाम से लोकप्रिय शहर जयपुर घूमने के लिए भला कौन नहीं सोचता होगा। जयपुर पूरे भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के पर्यटकों के लिए पसंदीदा स्थलों में से एक है। जयपुर का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में एक ऐसे शहर की छवि उभरती जहां पुराने महल इसकी शान बढ़ाते हैं, जहां रेगिस्तान क्षेत्र में रंग-बिरंगे परिधान से सजे ऊँटों की चाल लोगों को आकर्षित करती है।
इस खूबसूरत से शहर का निर्माण आमेर के राजा महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने बंगाल के एक वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य की सहायता से करवाया था। जयपुर भारत का पहला शहर है जिसे वास्तुशास्त्र के अनुसार निर्मित किया गया था।
यहां घूमने के लिए कई जगहें हैं, जिसमें आमेर का क़िला, नाहरगढ़ क़िला, हवा महल, शीश महल, गणेश पोल और जल महल। इसके अलावा पिंक सिटी जयपुर में आपको कई सुंदर हवेलियां और किले देखने को मिल जाएंगे। इन सारी चीजों को देखने के बाद अगर जयपुर को राजाओं की नगरी कहा जाये तो गलत नहीं होगा। सरकार ने इन राजाओं की हवेलियों को आज भी सरंक्षित करके रखा है। जिसे देखने हर साल लाखों की तादाद में विदेशी और भारतीय सैलानी आते हैं। जयपुर सिर्फ पर्यटकों का ही नहीं बल्कि हिंदी सिनेमा की भी पहली पसंद बनता जा रहा है।
जयपुर का मौसम
जयपुर के मौसम की अगर बात करें तो यह अर्ध-रेगिस्तानी और शुष्क जगह है। भारत के अन्य भागों की तरह ही जयपुर में भी तीन अलग-अलग मौसम होते हैं। जिसमें सर्दी, गर्मी के अलावा बारिश का मौसम होता है। हालांकि मॉनसून काफी देर से जयपुर पहुंचता है और जल्द ही वापसी कर लेता है। जयपुर घूमने के लिए सबसे अच्छा मौसम सर्दियों में होता है क्योंकि पथरीले महलों में घूमने के लिए आपको गर्मी परेशान नहीं करती। हालांकि सैलानी हर मौसम में साल भर जयपुर आते रहते हैं।
ग्रीष्म ऋतु [मार्च - जुलाई]
किसी भी पर्यटन स्थल पर जाने के लिए वहाँ का मौसम ज़रूर जान लेना चाहिए। जहां तक बात जयपुर की है तो यहाँ मार्च से गर्मी तेज़ होने लगती है और जुलाई तक मौसम गर्म ही रहता है। मई और जून महीने में कई बार दिन का तापमान 45 डिग्री के स्तर को भी पार कर जाता है। हालांकि तेज़ गर्मी के दौरान, धूल भरी आँधी चलने की घटनाएँ होती रहती हैं जो जयपुर में आने वाले पर्यटकों को परेशान करती हैं।
मॉनसून का मौसम [जुलाई - अक्टूबर]
इस समय जयपुर में मॉनसून की बारिश देखने को मिलती है। भारत में 1 जून को आमतौर पर मॉनसून का आगाज़ केरल के रास्ते हो जाता है लेकिन जयपुर में मॉनसून देर से पहुंचता है जिससे मॉनसून की बारिश भी देर से शुरू होती है। इस दौरान पर्यटकों के लिए दिन के शुरुआती समय में शहर की सैर करने के लिए मौसम काफी अनुकूल रहता है। राजस्थान संभवतः मॉनसून के मौसम के दौरान घूमने के लिए भारत के सबसे अच्छे क्षेत्रों में से एक है।
सर्दियों का मौसम [नवंबर - फरवरी]
जयपुर घूमने के लिए साल का सबसे अच्छा मौसम सर्दियों का होता है। सर्दियों के मध्य होते-होते जयपुर में शाम के समय कड़ाके की ठंड देखने को मिलती है। सर्दी जब चरम पर होती तब कई बार न्यूनतम तापमान गिरकर 5 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे पहुँच जाता है। इसलिए हमारा सुझाव है कि अगर आप सर्दियों के दौरान जयपुर जाते हैं तो अपने साथ गर्म कपड़े रखना ना भूलें।
कैसे जाएं जयपुर ?
जयपुर पहुंचना भारत ही नहीं दुनिया के अन्य देशों से भी आसान है। क्योंकि, दिल्ली, यूरोप, अमेरिका और अन्य स्थानों से जयपुर के लिए दिल्ली के रास्ते उड़ानों की व्यवस्था है। जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा शहर से 12 किमी दक्षिण पूर्व में स्थित है।
अगर सड़क मार्ग की बात करें तो राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम (आरएसआरटीसी) द्वारा जयपुर से दिल्ली के बीच बहुत अच्छी बस सेवा भी है। जिसमें लगभग हर आधे घंटे में दोनों तरफ से आसानी से बसें मिल जाती है। बसों में एसी और गैर एसी दोनों तरह की बस सेवाएं मौजूद हैं। वॉल्वो बसें भी आप ले सकते हैं।
इसी तरह रेलमार्ग भी इतना ही आसान है। भारतीय रेलवे जयपुर को पूरे देश से जोड़ती है और यह मार्ग सबसे सस्ते विकल्पों में से एक है। तीन प्रमुख रेलवे स्टेशन जयपुर जंक्शन (मुख्य स्टेशन), दुर्गापुरा और गांधीनगर (जयपुर) हैं।
दिल्ली से जयपुर पहुंचने के लिए सड़क मार्ग एक अच्छा विकल्प हो सकता है। अगर आप कार से जाते हैं, तो दिल्ली से जयपुर का सफर 4 घंटे में ही पूरा हो सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8, गुड़गांव के रास्ते दिल्ली को जयपुर से जोड़ता है।
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