इस मॉनसून सीज़न में देश के कई इलाके ऐसे रहे जहां सूखे जैसे हालात हैं जबकि कुछ इलाके बाढ़ की चपेट में हैं। ऐसा आमतौर पर हर मॉनसून सीज़न में होता है लेकिन इस वर्ष फासला कुछ अधिक है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की बात करें तो दोनों राज्यों में दक्षिणी जिलों में स्थिति संतोषजनक है जबकि उत्तरी भागों में अधिकांश इलाकों को सूखे का सामना करना पड़ रहा है।
मध्य प्रदेश में वर्षा के चलते कई इलाकों में सूखे की स्थिति बनने लगी है। राज्य में 1 जून से अब तक 547 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 23 प्रतिशत कम है। इसी अवधि में छत्तीसगढ़ में सामान्य से 11 प्रतिशत कम 785 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इसके चलते दोनों राज्यों के कई उत्तरी जिलों में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं। इस समय मॉनसूनी बारिश कृषि के लिए बेहद ज़रूरी है जिसका अभाव किसानों और सरकार दोनों के लिए चिंता का कारण है।
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इस बीच राहत की खबर यह है कि अगस्त की विदाई दोनों राज्यों में अच्छी मॉनसून वर्षा के साथ होगी। हालांकि इस बार भी बीते दो बारिश के झोंको की तरह दोनों राज्यों के दक्षिण में ही अधिक वर्षा देखने को मिलेगी। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दक्षिणी छत्तीसगढ़ पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है, जो पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा और जल्द ही इसके चलते मध्य भारत पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हो सकता है। बिहार पर गरज और वर्षा वाले स्थानों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए चित्र पर क्लिक करें।
इस मौसमी परिदृश्य के बीच रायपुर और बिलासपुर सहित दक्षिणी छत्तीसगढ़ में 26 अगस्त तक कई जगहों पर अच्छी वर्षा होने की संभावना है। राज्य के उत्तरी भागों में बारिश अपेक्षाकृत कम होगी। हालांकि इस बारिश के चलते अनुमान है कि वर्तमान में बारिश में कमी की कुछ हद तक भरपाई होगी और किसानों को राहत मिलेगी।
सिस्टम धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा और मध्य प्रदेश के कई इलाकों में बारिश ज़ोर पकड़ेगी। जबलपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट और मांडला सहित दक्षिण-पूर्वी भागों में 26 अगस्त को अच्छी बारिश का अनुमान है। बारिश का प्रसार धीरे-धीरे पश्चिमी भागों में पहुंचेगा। राजधानी भोपाल सहित इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम और अन्य दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों में 27 से 28 अगस्त के बीच अच्छी मॉनसून वर्षा की संभावना है।
Image credit: Hindustan Times
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