दिल्ली और पंजाब सहित उत्तर भारत में सर्दी अभी-अभी अपने शबाब पर पहुंची थी। एक हफ्ते से भी कम समय हुए हैं कि इन भागों में लोगों ने सर्दियों के साथ कोहरे में लिपटी सुबह का आनंद उठाना शुरू ही किया था कि इसके उतार के संकेत मिलने शुरू गए हैं। देर से आने के बावजूद सर्दी ने इस पूरे सप्ताह जमकर अपना प्रभाव दिखाया। लेकिन इस समय के मौसमी परिदृश्य संकेत कर रहे हैं कि यह कड़ाके की ठंड को छोटा सा दौर जल्द ही समाप्त हो सकता है।
शनिवार को उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में दिन और रात के तापमानों में हल्की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। दिल्ली में दिन के तापमान में बढ़ोत्तरी तेज़ी से हुई और 21 जनवरी को 15.1 डिग्री से बढ़कर 22 जनवरी को 22 डिग्री सेल्सियस पर पारा जा पहुँचा। इसी तरह आगरा में भी 21 जनवरी को पारा जहां 15.3 डिग्री सेल्सियस था वहीं 23 जनवरी को बढ़कर 19 डिग्री तक पहुँच गया। अगले 2-3 दिनों के दौरान तापमान में इसी तरह बढ़ोत्तरी का क्रम जारी रहने के आसार हैं।
क्या इसका अर्थ यह है कि सर्दी अब विदा होने को है?
स्काइमेट के प्रमुख मौसम वैज्ञानिक के अनुसार इस समय उत्तर भारत के करीब कोई सशक्त मौसमी सिस्टम आता दिखाई नहीं दे रहा है। हालांकि एक कम प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ 26 जनवरी को उत्तर भारत के पहाड़ों पर मौसम को बादल सकत है, लेकिन दिल्ली सहित मैदानी भागों में इसका असर देखने को नहीं मिलेगा। उल्टे इस सिस्टम के चलते मैदानी राज्यों में हवा के रूख में बदलाव होगा जिससे यहाँ हवा में नमी बढ़ जाएगी और 27 जनवरी के बाद न्यूनतम तापमान में भी बढ़ोत्तरी शुरू हो जाएगी।
इस समय कोहरे, धुंध और बादलों के बीच छिप रहा सूरज भी आने वाले दिनों में सुबह से ही दिखाई देने लगेगा जिससे दिन के तापमान में उत्तरोत्तर तेज़ी से वृद्धि दर्ज की जा सकती है। इस बीच मैदानी राज्यों में घने कोहरे की चादर सुबह के समय अगले 2 दिनों के दौरान बनी रह सकती है। हालांकि सघनता कम होने के चलते कोहरा जल्द ही छंट जाएगा। पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों से दिन की शीतलहर भी कम हो जाएगी जबकि कहीं-कहीं जारी रह सकती है।
अगले 2-3 दिनों के तक दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी भागों में लोग सुबह की सर्दी का आनंद अभी ले सकते हैं लेकिन दोपहर में हल्की गर्मी शुरू हो जाएगी। शाम और रात के समय हवा में ठंडक बनी रहेगी।
लेकिन अगर आप कड़ाके की ठंड का मज़ा गर्म कपड़ों और अलाव जलाकर लेने की सोच रहे हैं तो आपको निराश होना पड़ सकता है। क्योंकि यह अनुमान पहले ही लगाया जा चुका है कि 2016 में सर्दी कम पड़ेगी और इसकी अवधि भी छोटी होगी।
Image Credit: irishtimes