[Hindi] अल-नीनो पर हावी हुआ आईओडी और एमजेओ, इसके कारण देश के कई हिस्सों में रिकॉर्ड हुई अच्छी मॉनसूनी बारिश

August 24, 2019 11:59 AM | Skymet Weather Team

मॉनसून 2019 का प्रदर्शन इस सीजन में काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा है। इसको यूँ समझें कि जून के महीने में एकदम से सुखाड़ से अगस्त आते-आते बाढ़ जैसी स्थिति देखने को मिली। आपको बता दें कि, मौसम की स्थिति में इस कदर हुए परिवर्तन के लिए दो ही कारक जिम्मेदार हैं इंडियन ओषन डायपोल यानी आईओडी और मॉडन जूलियन ओशीलेशन यानि एमजेओ ।

जैसा कि स्काइमेट द्वारा बार-बार कहा गया है कि, भारतीय समुद्र में सकारात्मक आईओडी और एमजेओ की उपस्थिति के कारण अच्छी मॉनसूनी बारिश देखने को मिलती है। दोनों सिस्टम के एक साथ प्रभाव से अल-नीनो के प्रभावों को काफी हद तक नकारा जाता है। ऐसा ही कुछ मानसून 2019 के साथ हो रहा है।

अल नीनो कमजोर हो रहा है लेकिन अभी भी इसका अस्तित्व बना हुआ है। मॉनसून के प्रदर्शन में सुधार इसलिए देखने को मिला क्योंकि एक तरफ इंडियन ओषन डायपोल यानी आईओडी सकारात्मक स्थिति में आ गया था। तो दूसरी ओर मॉडन जूलियन ओषिलेशन हिंद महासागर पर था। इन दोनों मौसमी कारकों को अच्छे मॉनसून से जोड़कर देखा जाता है और जब दोनों उपस्थित हों तब अल नीनो के असर को कम कर देते हैं।

हालांकि अब स्थितियां एक बार फिर से बदल रही हैं। मॉनसून आने वाले दिनों में कमजोर होने वाला है।

जैसा की उम्मीद की जा रही थी, अल नीनो ने जुलाई में ही भूमध्य सागर की सतही तापमान (एसएसटी) में लगातार उतार-चढ़ाव के साथ गिरावट का रुख दिखाना शुरू कर दिया था। हालांकि मूल्यों में कमी के बाद, एसएसटी फिर से बढ़ गया था, लेकिन जल्द ही इसके बाद गिरावट आई। और, लगातार तीसरे सप्ताह एसएसटी में गिरावट जारी है। इस सप्ताह में एक महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई जिसमें एसएसटी 0.4 डिग्री सेल्सियस से 0.1 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, ये उतार-चढ़ाव अल नीनो के समाप्ति का एक स्पष्ट संकेत हैं। अब ईएनएसओ के तटस्थ होने के लिए रास्ता साफ हो रहा है।

Also, Read In English: IOD and MJO overpower declining El Nino, result in surplus Monsoon rains

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार नीनो में इस तरह का उतार-चढ़ाव सामान्य बात है। इसके अलावा जेजेए के अगले एपिसोड में तापमान गिरकर 0.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है।

उसके तुरंत बाद अगले दो सप्ताह के लिए तापमान में वृद्धि का रुझान में देखने को मिला था। हालांकि यह उतार-चढ़ाव अल नीनो के तटस्थ स्थिति में जाने के संकेतक के तौर पर माने जा सकते हैं।

अब अल नीनो के ख़त्म होने के लिए जिस तरह की स्थितियाँ दिखाई दे रही हैं यह मॉनसून शुरू होने से पहले जताई गई संभावना के अनुरूप है। स्काइमेट ने भी कहा था कि मॉनसून के आखिरी दो महीनों यानि अगस्त और सितंबर में जून और जुलाई के मुक़ाबले मॉनसून का बेहतर प्रदर्शन देखने को मिलेगा क्योंकि तब तक अल नीनो कमजोर हो जाएगा।

अब अल नीनो के अस्तित्व में बने रहने की संभावना महज़ 30% रह गई है। आने वाले दिनों में यह और कमजोर हो जाएगा। ईएनएसओ की तटस्थ स्थिति सर्दी के मौसम में भी बनी रहेगी।

Image credit: Critic Brain 

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