देश में इस साल अधिकांश इलाकों को अब तक लू से राहत बरकरार है। मार्च और अप्रैल के महीनों में देश के तमाम राज्यों में सामान्य से अधिक हुई बारिश के चलते उत्तर और पूर्वी भारत में तापमान अब तक सामान्य से नीची ही रहा है। मध्य भारत के भी ज़्यादातर इलाकों में पारा उम्मीद से नीचे चल रहा है। हालांकि अप्रैल के दूसरे सप्ताह के दौरान विदर्भ और दक्षिणी मध्य के कुछ इलाकों में हीटवेव देखने को मिली थी।
अब मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ, दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में तापमान बढ़ता जा रहा है। कच्छ और उत्तरी-मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में पहले से लू शुरू हो गई है। गुजरात के कांडला और महाराष्ट्र के मालेगांव में अधिकतम तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया है।
मध्य भारत के कई अन्य क्षेत्रों में भी पारा तेज़ी से ऊपर जाएगा जल्द ही तापमान 44-45 डिग्री तक पहुंच जाएगा। जिसके चलते हीटवेव की स्थितियाँ देखने को मिलेंगी। महाराष्ट्र के सोलापुर, परभणी, नांदेड़, अकोला और जलगाँव सबसे व्यापक रूप में प्रभावित हो सकते हैं। मध्य प्रदेश में खरगोन और गुजरात में राजकोट में भी 44 डिग्री के करीब पहुँच गया है पारा।
हीटवेव यानि लू की घोषणा तब होती है जब किसी स्थान का औसत तापमान 40 डिग्री या उससे कम हो और यह सामान्य से 5 डिग्री या उससे अधिक ऊपर पहुँच जाए। जिस स्थान का सामान्य तापमान 40 डिग्री हो और यह 44 डिग्री या उससे ऊपर पहुँच जाए तब हीट वेब मानी जाती है।
हीटवेव की घोषणा करने के लिए, मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री और पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री या उससे अधिक होना चाहिए। यह उल्लेखनीय है कि जब किसी स्थान पर तापमान 45-डिग्री तक पहुंच जाता है, तब उस स्थान का औसत तापमान कुछ भी हो।
अगले 48 घंटों के दौरान राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किसी भी मौसमी गतिविधि की उम्मीद नहीं है, इसलिए इन राज्यों के तापमान में बढ़ोत्तरी जारी रहेगी जिससे कई स्थानों पर लू का प्रकोप बढ़ जाएगा। हालांकि गर्मी का यह दौर थोड़े समय के लिए होगा, क्योंकि 48 घंटों के बाद फिर से प्री-मॉनसून वर्षा की गतिविधियां शुरू होंगी जिससे तापमान गिरेगा।
Image credit: ABC7 Chicago
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